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Daily Insider Desk
• Sat, 18 Mar 2023 4:45 pm IST


फिजियोथेरेपिस्ट की स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका : देवमूर्ति

  • एसआरएमएस इंस्टीट्यूट आफ पैरामेडिकल साइंसेज में वर्कशाप आयोजित
  • अत्याधुनिक टेपिंग टेक्निक और इससे मरीज के शीघ्र उपचार की दी ट्रेनिंग
बरेली: एसआरएमएस इंस्टीट्यूट आफ पैरामेडिकल साइंसेज में शनिवार एकदिवसीय हैंड्स आन वर्कशाप आयोजित हुई। इसमें मुख्य वक्ता के रूप में स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपिस्ट और टेपिंग टेक्निक एक्सपर्ट डा. मंजुल नौटियाल ने फिजियोथेरेपी के विद्यार्थियों को क्लीनिकल कंडीशन में चिकित्सकीय टेपिंग की मदद से मरीज के शीघ्र उपचार की जानकारी दी। उद्घाटन सत्र में एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देवमूर्ति ने स्वास्थ्य क्षेत्र में फिजियोथेरेपी के बढ़ते महत्व के बारे में बताया और इसकी मदद से कार्डियक और न्यूरो संबंधी दिक्कतों के साथ अन्य बीमारियों के उपचार की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में फिजियोथेरेपिस्ट का रोल अब महत्वपूर्ण हो गया है। उदघाटन सत्र का आरंभ सरस्वती वंदना से हुआ। एसआरएमएस इंस्टीट्यूट आफ पैरामेडिकल साइंसेज के वाइस प्रिंसिपल डा.आशीष चौहान ने सभी का स्वागत किया और वर्कशाप की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने अतिथियों और विद्यार्थियों से एसआरएमएस ट्रस्ट द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों का भी जिक्र किया।



एसआरएमएस इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज के प्रिंसिपल डा.एसबी गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों का काम मरीजों के दर्द का उपचार करना है। दर्द शारीरिक हो या मानसिक, सबमें फिजियोथेरेपिस्ट की भूमिका महत्वपूर्ण है। अच्छा फिजियोथेरेपिस्ट वही बन सकता है जो लगातार सीखता रहे, जो प्रैक्टिस और ट्रेनिंग से ही संभव है। विशेषज्ञ डा. मंजुल नौटियाल ने टेपिंग टेक्निक की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस तरह से टेपिंग टेक्निक के इस्तेमाल से किसी भी ज्वाइंट के दर्द का उपचार कम से कम जोखिम के साथ करना संभव है। फिजियोथेरेपी विभाग की इंचार्ज और डा.नबीला खानम ने वर्कशाप में आए सभी लोगों का धन्यवाद किया। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के एडवाइजर इंजीनियर सुभाष मेहरा, एसआरएमएस इंस्टीट्यूट आफ पैरामेडिकल साइंसेज के प्रिंसिपल डा. सीएम चतुर्वेदी, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा.आरपी सिंह, एयर मार्शल (सेवानिवृत) डा. महेंद्र सिंह बुटोला, सभी विभागाध्यक्ष, फैकेल्टी और पैरामेडिकल के विद्यार्थी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डा. हिना सिद्दीकी ने किया।