Read in App

Daily Insider Desk
• Tue, 12 Jul 2022 9:21 pm IST


35 करोड़ पौधरोपण के लिए पहली बार एक साथ जुटे चार विभाग : अरुण सक्सेना

वन मंत्री ने गिनाईं सरकार की 100 दिन की उपलब्धियां
लखनऊ। प्रदेश सरकार ने यूपी में 35 करोड़ पौधरोपण की तैयारी की। इसके लिए सभी विभागों से समन्वय बैठकें की गईं। पहली बार कृषि मंत्री, उद्यान मंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री ने इन समन्वय बैठकों में हिस्सा लिया।
वन एवं पर्यावरण मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने लोकभवन में सरकार के 100 दिन की उपलब्धियां बताईं। उन्होंने कहा कि 35 करोड़ पौधरोपण के लिए विशेष रणनीति तैयार की गई। इन प्रभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अभियान से निरस्तर जुड़े रहे।
राज्यपाल ने त्रिशक्ति, सीएम ने हरिशंकरी से की पौधरोपण जन आन्दोलन की शुरुआत
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने गत 5 जुलाई को लखनऊ में पौधरोपण जन आन्दोलन कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए त्रिशक्ति (नीम, आम एवं कदम्ब) का रोपण किया। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इसी दिन चित्रकूट में जन आन्दोलन कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुये हरिशंकरी (पाकड़, बरगद एवं पीपल) का रोपण किया।
इसके अलावा उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने प्रयागराज में पौधरोपण कार्यक्रम में हरिशंकरी (पाकड़, बरगद एवं पीपल) का रोपण किया।
राज्य में किये जा रहे पौधरोपण कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकाय में जनसहभागिता के माध्यम से पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा लगाए गये सभी पौधों को जियो टैगिंग से चिन्हित किया गया। कयो टैग करवाया जा रहा है। जियो टैगिंग से हरितिमा मोबाईल एप विकसित किया गया। इस एप का विकास वन विभाग द्वारा स्वयं किया गया है। इसके माध्यम से अन्य विभागों द्वारा 25% साईट की जियो टैगिंग की जा चुकी है। इस प्रकार इस वर्ष पौधरोपण के लिए पारदर्शिता लाने के प्रयास किये गए हैं।
यूपी सरकार अभियान चलाकर 35 करोड़ पौधे लगाने में जुटी है। इससे 2030 तक लगभग 18.55 मिलियन टन कार्बन का अवशोषण होगा। इसके अलावा प्रदेश में 04 रेस्क्यू सेंटर का शिलान्यास मुख्यमंत्री ने महराजगंज, पीलीभीत, मेरठ एवं चित्रकूट में 10 जून को किया।
वाराणसी, विन्ध्य एवं ब्रजभूमि ईको टूरिज्म सर्किट के विकास का कार्य पूर्ण हो चुका है। इसके अन्तर्गत निम्नलिखित कार्य पूरे किए जा चुके हैं।
नेचर गाइड का प्रशिक्षण, साइकिल ट्रैक, ट्रेकिंग रूट का चिन्हिकरण, जीप सफारी के लिए आवश्यक व्यवस्था, पर्यटकों के रात्रि विश्राम के लिये विश्राम गृह एवं डारमेट्री की व्यवस्था, स्टेकहोल्डर्स की बैठक, प्रचार-प्रसार के लिये पैम्फलेट वितरण एवं अन्य विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन।