विधानसभा चुनावों से लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बीजेपी सरकार पर हमलावर हैं। वहीं इस बार मंहगाई को लेकर अखिलेश यादव का बयान सामने आया है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार गरीब विरोधी है।
दरअसल केन्द्र ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में गेहूं का कोटा रद्द करने का निर्णय लिया है। जून महीने से गरीबों को गेहूं की जगह चावल बंटेगा। अभी तक 3 किलो गेहूं और 2 किलो चावल बांटने का ढिंढोरा पीटा जा रहा था। चुनाव खत्म होने के बाद किसानों से सम्मान निधि की राशि वापस किए जाने की नोटिस जारी हो रही है। इसको लेकर अखिलेश ने केन्द्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर तंज कसा।
अखिलेश ने कहा कि, भाजपा ने इस बार गेहूं खरीद में किसानों के हितों के ऊपर उद्योगपतियों के लाभ को प्राथमिकता दी। गेहूं की सरकारी खरीद की जगह 5 बड़ी कंपनियों को गेहूं बिकवा दिया गया। यूपी में गेहूं खरीद का लक्ष्य 60 लाख मीट्रिक टन था जबकि मात्र 2.35 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई। इसके परिणामस्वरूप बाजार में आटा और महंगा होगा। इससे बड़े उद्योगपतियों और उनकी कंपनियों का मुनाफा बढ़ेगा। भाजपा की मंशा किसानों को फायदा पहुंचाने की न कभी थी और न है। अगर गेहूं का लाभकारी मूल्य देना चाहती है तो न्यूनतम समर्थन मूल्य कम से कम 2500 रुपए प्रति क्विंटल होना चाहिए था।