महाराष्ट्र में सत्ता जाने के बाद बगावत की आंधी में शिवसेना की सियासी जमीन भी खिसकती दिख रही है। शिवसेना का हिंदुत्व भी खतरे में है।
दरअसल सीएम पद से इस्तीफा देने से पहले उद्धव ठाकरे ने कहा था कि, उनके पास शिवसेना है। इसे उनसे कोई नहीं छीन सकता। लेकिन अब सवाल खड़ा हो गया है कि, आखिर शिवसेना है किसकी। क्योंकि एकनाथ शिंदे भी अपने गुट को असली शिवसेना बता रहे हैं। बता दें कि, रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। जिसमें भाजपा का ही वरिष्ठ सदस्य विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने की उम्मीद है। दो-तिहाई बहुमत होने की स्थिति में नए विधानसभा अध्यक्ष शिंदे को शिवसेना विधायक दल का नेता घोषित कर सकते हैं।
जब शिंदे गुट के सचेतक भरत गोगावले विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी करेंगे तब आदित्य ठाकरे क्या करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर सुनवाई से मना कर दिया है। ऐसी स्थिति में उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे को या तो पार्टी का व्हिप मानना पड़ेगा नहीं तो विधानसभा की सदस्यता से हाथ धोना पड़ेगा।