राष्ट्रपति चुनाव के जरिए विपक्ष की कोशिश एकजुट होने की थी। लेकिन राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के आदिवासी और महिला होने का खासा फायदा उनको मिलता दिख रहा है।
द्रौपदी मुर्मू बड़ी जीत की ओर बढ़ रहीं हैं। मुर्मू के समर्थन में विपक्ष की कई पार्टियां और नेता आ गए हैं। जिससे यूपीए में फूट पड़ गयी है। इधर, सांसदों के तीखे तेवर के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी मुर्मू का साथ देने को तैयार हो गए हैं।
मुर्मू के समर्थन और विरोध के सवाल पर यूपीए के अलावा सपा और कांग्रेस जैसे कई दलों में भी फूट साफ नजर आ रही है। विपक्षी उम्मीदवार के तौर पर यशवंत सिन्हा के नाम का प्रस्ताव रखने वाली टीएमसी सियासी नुकसान के भय से खुद असंजस में है।
बता दें कि, अब तक 8 गैर राजग दलों ने मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा की है। इसमें बीजेडी, अकाली दल, वाईएसआर कांग्रेस, टीडीपी, बसपा, झामुमो, जदएस और शिवसेना मुर्मू के साथ है तो वहीं झामुमो, शिवसेना, जदएस और टीडीपी ने पहले विपक्षी दलों की बैठक में यशवंत को समर्थन देने की बात कही थी। हालांकि अब ये दल भी मुर्मू के साथ आ गए हैं।