जनसंख्या नियंत्रण को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के दिए गए बयान के बाद सियासत गरमा गई है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अब पलटवार किया है। और मोहन भागवत की टिप्पणी को गलत बताया है।
ओवैसी ने कहा कि, अगर भारत सरकार दो बच्चों का मानदंड का बिल लाएगी तो मैं उसका बिलकुल समर्थन नहीं करूंगा। क्योंकि यह भारत के बिल्कुल हक में नहीं होगा। भारत की जनसंख्या अपने आप गिर रही है और 2030 तक यह स्थिर हो जाएगी। ओवैसी ने कहा कि भारत की 50 फीसदी आबादी 25 साल से कम उम्र के युवाओं की है।
ओवैसी ने बेरोजगारी के मसले पर मोदी सरकार से सवाल किया कि, उनके लिए मोदी सरकार ने क्या किया? भारत का कोई धर्म है? RSS चाहती है कि भारत का एक धर्म हो। भागवत धर्म परिवर्तन से क्यों डर रहे हैं। धर्म परिवर्तन तो भारत के संविधान में एक मौलिक अधिकार है। अगर कोई अपना मजहब चेंज कर रहा है तो उससे आपको क्या तकलीफ हो रही है। कोई भगवान को मानता है, तो कोई अल्लाह को मानता है, कोई नहीं मानता है, यही तो भारत की खूबसूरती है।
बता दें कि, आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा था कि, धर्म परिवर्तन अलगाववाद की ओर ले जाता है। धर्मांतरण व्यक्ति को जड़ों से अलग करता है। इसलिए, हमें धर्म परिवर्तन को रोकने का प्रयास करना चाहिए।