एंटरटेनमेंट डेस्क: निर्माता-निर्देशक विवेक अग्निहोत्री अपनी नई फिल्म ‘द दिल्ली फाइल्स’ की तैयारियों में जुटे हैं। सोमवार को उन्होंने इस फिल्म को लेकर अपडेट साझा किया है और बताया कि फिल्म के लिए किस कदर रिसर्च की गई है। उन्होंने बताया कि पिछले छह महीनों से वे सड़क पर विभिन्न शहरों और गांवों का दौरा कर रहे हैं।
विवेक अग्निहोत्री ने दो तस्वीरें साझा की हैं। उन्होंने बताया कि एक तस्वीर नेशनल म्यूजियम की है और दूसरी तस्वीर में नजर आ रही पेंटिंग उन्हें एक बंगाली कलाकार ने तोहफे में दी है। निर्देशक ने लिखा- ‘बंगाल की असली कहानी, बंगालियों की जुबानी’। आगे लिखा कि पिछले छह महीनों से मैं सड़क पर अलग-अलग शहरों और गांवों का दौरा कर रहा हूं, लोगों का साक्षात्कार ले रहा हूं। स्थानीय संस्कृति, उसके इतिहास का अध्ययन कर रहा हूं। अपनी अगली महत्वपूर्ण फिल्म के लिए बंगाल के हिंसक इतिहास के मूल कारण को समझने की कोशिश कर रहा हूं।
#TheDelhiFiles Update:
बंगाल की असली कहानी, बंगालियों की ज़ुबानी।
For the last 6 months, I have been on the road visiting different cities and villages, interviewing people, studying local culture, its history, and trying to understand the root cause of Bengal’s violent history… pic.twitter.com/BlTivILGmp
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) July 1, 2024
बंगाल दो बार विभाजित हुआ: विवेक अग्निहोत्री
विवेक अग्निहोत्रि ने आगे लिखा, ‘बंगाल एकमात्र ऐसा राज्य है, जो दो बार विभाजित हुआ। बंगाल एकमात्र ऐसा राज्य है जहां आजादी से पहले और बाद में एक के बाद एक कई नरसंहार हुए। स्वतंत्र भारत में संघर्ष दो मुख्यधारा की राष्ट्रीय विचारधाराओं- हिंदू धर्म और इस्लाम के बीच था। बंगाल में चार मुख्यधारा की विचारधाराएं थीं- हिंदू धर्म, इस्लाम, साम्यवाद और इसकी कट्टरपंथी शाखा नक्सलवाद। इसके साथ ही पुनर्जागरण काल के राष्ट्रवाद, सामाजिक सुधार, दर्शन, कला, साहित्य और आध्यात्मिकता की महान विरासत के खोने की बहुत तीव्र भावना थी। सभी आपस में झगड़ रहे थे।’
निर्देशक विवेक ने कहा, ‘इन सभी कारणों से राज्य का सभी पहलुओं में पतन हो गया। क्या बचा था? सिर्फ वामपंथ। किसी अन्य राज्य ने बंगाल जैसी व्यापक, निरंतर धार्मिक और राजनीतिक हिंसा नहीं देखी है। बंगाल में विभाजन कभी खत्म नहीं हुआ। वहां अभी भी दो राष्ट्र मौजूद हैं और तीन संविधान। बंगाल को सहानुभूति और दूरदर्शिता वाले एक सच्चे नेता की जरूरत है, जो बंगाल को पुनर्जागरण 2.0 की ओर ले जा सके। मेरी प्रतिबद्धता है अपनी फिल्म के जरिए बंगाल की असली कहानी, बंगालियों की जुबानी दर्शकों तक पहुंचाने की।’