नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (3 मई) को अहम टिप्पणी की। शीर्ष अदालत का कहना है कि वह आगामी चुनावों के कारण मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर दलीलें सुनने पर विचार कर सकता है। वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार (3 मई) को मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी और कहा कि यह सुनवाई के योग्य नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईडी की ओर से गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर बहस और उसके बाद आबकारी नीति मामले में उनकी रिमांड में समय लग सकता है। ऐसे में कोर्ट उनकी अंतरिम जमानत पर दलीलें सुन सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के वकील से कहा कि वह मंगलवार (7 मई) को इस मामले की सुनवाई करते समय इस पहलू पर तैयार होकर आएं।
Delhi Excise Policy case | Supreme Court says it may consider hearing arguments on interim bail of Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal because of upcoming elections.
Supreme Court says as arguments on Kejriwal’s plea against arrest by the ED and his subsequent remand in the… pic.twitter.com/JafsDy6BzN
— ANI (@ANI) May 3, 2024
यह न मानें कि कोर्ट दे ही देगी जमानत: पीठ
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ती की पीठ ने दोनों पक्षों को सचेत करते हुए कहा कि वे यह न मानें कि कोर्ट जमानत दे ही देगी। उन्होंने कहा कि हम बेल दे भी सकते हैं और नहीं भी, लेकिन हम हर पक्ष के लिए यहां मौजूद हैं और इससे किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से यह भी विचार करने के लिए कहा कि क्या केजरीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में अपनी स्थिति को ध्यान में रखते हुए किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर करना चाहिए। अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी जाती है तो उनपर शर्तें भी लगाई जाएंगी।