महिला आरक्षण बिल सिर्फ BJP का झुनझुना है, ये OBC वर्ग को छल रहे हैं: सुप्रिया श्रीनेत

महिला आरक्षण बिल को लेकर यूपी कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कॉन्‍फ्रेंस

लखनऊ: महिला आरक्षण विधेयक (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) को लेकर उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पार्टी दफ्तर में सोमवार (25 सितंबर) को एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें कांग्रेस की सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत की मुख्‍य अतिथि के रूप में मौजूदगी रही। इस दौरान महिला आरक्षण बिल को लेकर कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा।

प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि देश की आधी आबादी को जगह देने की बात बीजेपी के लिए सिर्फ एक जुमला है। आखिरकार क्‍यों बीजेपी जातीय जनगणना नहीं कर रही है। ओबीसी वर्ग के लोगों को आज छला जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि आज 21 शहरों में कांग्रेस की बेटियां प्रेस कांफ्रेंस कर रही हैं। देश की आधी आबादी को उनका हक दिलाना, ऐसा प्रतीत होता है कि बस थाली सजाई गई है। लखनऊ के लोग ठग्गू के लड्डू को जानते हैं और बीजेपी की भी यही टैग लाइन है कि ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको हमने ठगा नहीं।

भाजपा ने महिलाओं के इंटेलिजेंस को बहुत कम तौला है   

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ये बीजेपी का झुनझुना है और उन्होंने महिलाओं की इंटेलिजेंस को बहुत कम तौला है। अगर ये महिला आरक्षण लागू करना चाहते तो ये तत्काल लागू करते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बिल की असलियत यह है कि महिला आरक्षण का इंतज़ार बढ़ता रहेगा। केंद्रीय गृह मंत्री कह रह हैं कि 2029 तक लागू होगा और बाकी सांसद के अनुसार 2039 तक लागू होगा।

केंद्र पर निशाना साधते हुए उन्‍होंने कहा कि अदानी का महाघोटाला छुपाने के लिए पहले ‘I.N.D.I.A.’ का नाम बदलने की राजनीति हुई और जब उससे काम नहीं बना तो महिला बिल ले आए, जिसके लिए उन्हें अनिश्चितकाल का इंतजार करना है। इस बिल में अनुसूचित जनजाति जनगणना की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि राजीव गांधी जब महिला आरक्षण बिल ला रहे थे तो सात लोगों ने इसका विरोध किया, जिसमें बीजेपी के सांसद थे। लेकिन, हमने इस बिल का बिना किसी कंडीशन के समर्थन किया।

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा- जातीय जनगणना बहुत जरूरी है

सुप्रिया श्रीनेत ने आगे कहा कि इस देश के सर्वोच्च पद पर बैठे 90 IAS अधिकारियों में सिर्फ 3 अनुसूचित जनजाति के हैं और इसलिए जातीय जनगणना जरूरी है, क्‍योंकि अनुमान के अनुसार 51 प्रतिशत से ज्‍यादा उनकी आबादी है। उन्‍होंने कहा कि भाजपा की महिला सांसद जब हाथरस कांड होता है तो चुप रहती हैं, ये चिन्मयानंद के मामले में चुप रहती हैं, ये मणिपुर मामले पर चुप रहती हैं, इनकी चुप्पी अंकिता भंडारी के मामले में भी नहीं टूटती है। लेकिन, अब ये लोग महिलाओं के हक की बात कर रही हैं, जबकि ये सिर्फ जुमलेबाजी है।