योगी सरकार ने पेश किया 12 हजार 909 करोड़ का अनुपूरक बजट, जानें किस विभाग को कितना मिला?

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन यानी मंगलवार को योगी सरकार ने में 12 हजार 909 करोड़ से ज्‍यादा का अनुपूरक बजट पेश किया है। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने राज्य विधानसभा में 2024-25 के लिए अनुपूरक अनुदान मांगें प्रस्तुत कीं। उन्होंने बताया कि यह अनुपूरक बजट 12,909 करोड़ 93 लाख रुपये का है। यह अनुपूरक बजट इस साल फरवरी में पेश किए गए 7.36 लाख करोड़ रुपये के मूल बजट का 1.66 प्रतिशत है।

बजट में सर्वाधिक 7518 करोड़ रुपये औद्योगिक विकास के लिए आवंटित किया गया है। इसी तरह ऊर्जा विभाग के लिए 2000 करोड़ रुपये, परिवहन विभाग की बसों के लिए 1000 करोड़ रुपये, अमृत योजना के लिए 600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। बजट में कौशल विकास के लिए 200 करोड़ रुपये व रोजगार मिशन समिति के गठन के लिए 49.80 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

बसें खरीदने के लिए 1000 करोड़  

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि अनुपूरक बजट में राजस्व लेखे का व्यय 4227.94 करोड़ रुपये और पूंजी लेखे का व्यय 7981.99 करोड़ रुपये है। उन्होंने बताया कि अनुपूरक बजट में खास तौर से 7500.18 करोड़ रुपये औद्योगिक विकास के लिए, 2000 करोड़ रुपये ऊर्जा विभाग के लिए, परिवहन विभाग को बसें खरीदने के लिये 1000 करोड़ रुपये, नगर विकास विभाग के तहत अमृत योजना के लिये 600 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश कौशल मिशन के तहत अल्पकालीन कार्यक्रमों के लिये 200 करोड़ रुपये, ग्रामीण स्टेडियम तथा ओपन जिम के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

संस्कृति विभाग के लिए 74.90 करोड़ रुपये

वित्त मंत्री ने आगे बताया कि अनुपूरक बजट में माध्यमिक शिक्षा विभाग के तहत 284 राजकीय इंटर कॉलेजों में लैब की स्थापना के लिये 28.40 करोड़ रुपये तथा 1040 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में आईसीटी लैब की स्थापना के लिये 66.82 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि संस्कृति विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिये 74.90 करोड़ रुपये, अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना के लिए 53.15 करोड़ तथा इनमें आवासीय तथा अनावासीय भवनों के अनुरक्षण के लिये 2.79 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

सीएम योगी ने दिए विपक्ष के सवालों के जवाब

सीएम योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं व बच्चों पर होने वाले यौन उत्पीड़न पर आरोपियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर जवाब देते हुए कहा कि इन मामलों में आरोपियों को सजा देने में यूपी देश में तीसरे स्थान पर है। प्रदेश के हर जिले में एक महिला थाना बनाया गया है। अगर 2016 से तुलना की जाए तो प्रदेश में यौन उत्पीड़न के मामलों में साढ़े 17 प्रतिशत की कमी आई है। दुष्कर्म के मामलों में 25 प्रतिशत की कमी आई है। मुख्यमंत्री योगी विधान परिषद में सपा विधायक द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब दे रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार महिला सुरक्षा के प्रति पूरी तरह गंभीर है। यही कारण है कि सरकार ने सत्ता में आते ही एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया था और सबसे पहले इसका विरोध सपा ने ही किया था। उन्होंने कहा कि महिला और बाल अपराध निस्तारण में प्रदेश पहले नंबर पर है। प्रदेश के अंदर एक महिला थाना हर जनपद में स्थापित करने के साथ-साथ एक अतिरिक्त थाने की जिम्मेदारी भी महिला थानाध्यक्ष को उपलब्ध कराया है।

महिला सुरक्षा के प्रति गंभीर है हमारी सरकार

उन्‍होंने कहा कि 2020 से हमारी सरकार प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान को आगे बढ़ा रही है।मिशन शक्ति के अतंर्गत पिछले 7 वर्षों में हम लोगों ने करीब डेढ़ लाख पुलिस कर्मी की भर्ती की है। 2017 से पहले कुल 10,000 महिला पुलिस भर्ती हुई थी।  2017 से 2023 तक जो भर्तियां हुई हैं उसमें 20,000 महिला पुलिस की भर्ती हुई है। यानि आजादी के 70 वर्षों में जितनी भर्ती हुई उससे दोगुनी भर्ती पिछले 5 वर्षों में हुई है…ये सरकार महिला के सुरक्षा के प्रति गंभीर है।