लखनऊ: कोरोना, टीबी और इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारियों के खिलाफ सफलतापूर्वक अभियान चला चुकी योगी सरकार ने अब कृमि से होने वाली बीमारियों के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। प्रदेशवासियों को बेहतर एवं सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत योगी सरकार ने गुरुवार को प्रदेश को कृमि मुक्त बनाने के लिए 66 जिलों में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान की शुरुआत की। योगी सरकार ने कृमि मुक्त अभियान के तहत एक वर्ष से 19 वर्ष तक के प्रदेश के 8.66 करोड़ बच्चों एवं नवयुवकों को एल्बेन्डाजॉल टैबलेट खिलाने का लक्ष्य तय किया है। इस दौरान निजी शैक्षणिक संस्थानों पर खासा फोकस रहेगा। वहीं अन्य जनपदों में फाइलेरिया उन्मूलन के तहत सर्वजन दवा सेवन अभियान में 10 फरवरी से एल्बेन्डाजॉल खिलाई जाएगी।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के महाप्रबंधक डॉ. मनोज शुक्ल ने बताया कि जिलों में स्थानीय आंगनबाड़ी कार्यकत्री की मदद से एक वर्ष से पांच वर्ष तक के पंजीकृत बच्चों और 6 वर्ष से 19 वर्ष तक के स्कूल नहीं जाने वाले बालक-बालिकाओं को दवा खिलाई जा रही है। वहीं 6 वर्ष से 19 वर्ष तक के छात्र-छात्राओं को उनके शिक्षकों के माध्यम से दवा का सेवन सुनिश्चित कराया जा रहा है। किशोर जुवेनाइल होम में प्रभारी अधीक्षक के माध्यम से किशोरों को दवा खिलाई जा रही है। यह दवा चबाकर खानी है जबकि किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त बच्चे या किशोर को दवा नहीं खिलाई जाएगी। छोटे बच्चों को गोली निगलने में परेशानी हो सकती है, इसलिए ऐसे बच्चों को गोली पीसकर खिलाई जाती है। अभियान के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिये हैं कि बच्चों को स्कूलों में दोपहर के भोजन के बाद गोली दी जाए।