गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर कवि सम्मेलन एवं मुशायरा संपन्न

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयंती की पूर्व संध्या पर कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन

बरेली। जिला समारोह समिति एवं ऑल इंडिया कल्चरल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय नारायण गेस्ट हाउस में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयंती की पूर्व संध्या पर कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन किया गया । अपर नगर मजिस्ट्रेट नहने राम के सानिध्य में हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता रणधीर प्रसाद गौड़ धीर ने की। मुख्य अतिथि विनय सागर जायसवाल तो वहीं विशिष्ट अतिथि रामधनी निर्मल रहे।
संस्था के संस्थापक स्वर्गीय जेसी पालीवाल द्वारा विगत कई वर्षों से गांधी जयंती हर्षोल्लास के साथ बरेली नगर में मनाई जाती रही है इस बार उनकी कमी को सभी ने महसूस किया और उन्हें याद किया।
कवि सम्मेलन में गीतकार उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने अपनी रचना इस प्रकार प्रस्तुत की है स्वतंत्र अब भारत माता फिर भी बहुत उदास। समय लिखेगा अपराधों का एक नया इतिहास। रणधीर प्रसाद गौड़ धीर ने अपनी रचना के माध्यम से कहा कि – स्वतंत्रता की ज्योति जलाई गांधी ने नई राह दुनिया को दिखाई गांधी ने। कवि पीयूष गोयल बेदिल ने अपनी रचना इस प्रकार प्रस्तुत की
रखते छुपा के दिल में अपने ख्याल गांधी। होते जो आज जिंदा करते मलाल गांधी। शायर सरबत परवेज सहसवानी ने अपनी ग़ज़ल इस प्रकार पढी-
रोशनी यूँ भी तो हो सकती है रफ्ता रफ्ता। एक अनपढ़ को अगर इल्म सिखाया जाए। कार्यक्रम में रामकुमार भारद्वाज अफरोज,राम प्रकाश सिंह ओज, राम शंकर शर्मा प्रेमी, हरिकांत मिश्र चातक, प्रताप मौर्य मृदुल, निर्दोष कुमार विन, दुलारे फारुकी, रीतेश साहनी, राजकुमार अग्रवाल मनोज दीक्षित टिंकू, गांधी मोहन सक्सेना आदि ने काव्य पाठ किया।
संस्था पदाधिकारीयों में सर्वश्री राजीव शर्मा टीटू, मोहम्मद नबी, गोविंद सैनी, सैयद सिराज, पवन कालरा, सुनील धवन, प्रदीप मिश्रा, देवेंद्र रावत, हिमांशु सक्सेना, शिवम प्रजापति एवं अनूप सागर द्वारा संस्था की ओर से अपर नगर मजिस्ट्रेट नैनीराम को स्मृति चिन्ह देखकर सम्मानित किया गया संचालन मनोज दीक्षित टिंकू ने किया।