या खुदा गौस-ए-आज़म के वसीले से बीमारों को मुकम्मल शिफ़ा फरमायें

अल्लाह के करम से मुर्दो को ज़िंदा कर दिया और डाकुओं के सामने भी सच बोले कि मेरे पास 40 दीनार हैं

बरेली। किला फूटा दरवाजा स्थित झण्डा शरीफ़ गौस पाक उर्स कमेटी के सचिव मोहम्मद फराज़ मियाँ क़ादरी ने बताया कि उर्स के दूसरे दिन की शुरुआत बाद नमाज़ ए फ़ज़र कुरआन ए पाक की तिलावत से हुई, दिनभर दूरदराज से आये अकीदतमंदों में गुलपोशी और गिलाफ़ पेश कर मन्नतें मुरादे माँगी, इसी कड़ी में बरेली हज सेवा समिति के महासचिव हाजी ई.अनीस अहमद ख़ाँ एंव जनसेवा टीम के अध्यक्ष पम्मी खान वारसी ने सभी लोगों के साथ मिलकर डेंगू जैसी तमाम बीमारियों की शिफ़ा के लिये खुसूसी दुआ मांगी, हज़रत गौस ए आज़म का सच्चा दरवार हैं दिल से माँगी गई दुआओ को अल्लाह मुकम्मल करता हैं।बाद नमाज़े इशा नाबिरा ए आला हजरत मौलाना तौकीर रजा ख़ाँ की सदारत में तक़रीरी और नातिया महफ़िल हुई जिसमें उलेमा इकराम में हज़रत गौस ए आज़म की करामातो और शख्सियत को बयां करते हुए कहा कि आपने हमेशा सच बोला और सच्चाई और अच्छाई की सीख दी हैं,अल्लाह के करम से मुर्दो को ज़िंदा कर दिया और डाकुओं के सामने भी सच बोले कि मेरे पास 40 दीनार हैं बचपन में ही डाकुओं से बोल दिया कि मेरी माँ ने कहा हैं कि कभी झूठ नही बोलना, डाकु उनकी सच्चाई को देखकर हक़ के रास्ते चले और इमाम लाएं,आपकी बेशुमार करामाते हैं उन्होंने हमेशा अल्लाह के प्यारे महबूब के रास्ते पर चलकर इंसानियत और भलाई के लिये काम किया।गौस के नाम से ही मुश्किलें असां होती हैं।महफ़िल में मुफ्ती खुर्शीद आलम,मोहसिन रज़ा,कारी ऐजाज़, अशरफ रज़ा, सलमान रज़ा, शाहफी शम्सी आदि ने नातो मनकबत का नज़राना पेश किया।इस मौके पर बरेली की अज़ीम शख्सियत मरहूम एम.हसीन हाशमी को खिराजे अक़ीदत पेश की।देररात तक महफ़िल जारी रही।

उर्स कमेटी के सचिव मोहम्मद फ़राज़ मियाँ क़ादरी ने बताया कि 27 अक्टूबर को तीसरे दिन की शुरुआत कुरआन ख्वानी से होगी और इशा बाद तक़रीरों की महफ़िल, देररात 2 बजकर 38 मिनट पर पिरो के पीर हज़रत शेख अब्दुल कादिर जीलानी बगदादी गौस ए आज़म के कुल शरीफ़ की रस्म अदायगी होगी।
इस मौके पर जनसेवा टीम अध्यक्ष के पम्मी वारसी, हाजी शावेज़ हाशमी, मोहम्मद फ़राज़ मियाँ क़ादरी,सुहैल हाशमी, साजिद हुसैन,हाजी साकिब रज़ा ख़ाँ,अहमद खान टीटू,नावेद हाशमी, यावर अली ख़ाँ बिट्टू,हाजी फैज़ान ख़ाँ क़ादरी,मुज़म्मिल खान,शहंशाह मियां,बब्बू नियाज़ी, ताहिर खान, मुन्नाअंसारी,सलमान शम्सी,मुजाहिद इस्लाम,अशरफ शम्सी,पप्पू,जमील,नदीम शम्सी, इस्तेखार शम्सी,जावेद,हनीफ खान,आसिफ शम्सी आदि अकीदतमंद बड़ी तादात में शामिल रहे।