बरेली: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भारत में मुसलमानों की दुर्दशा की जिम्मेदार कांग्रेस है। यह बात भारत का बच्चा-बच्चा जनता है। देश में सबसे ज्यादा लगभग 65 साल तक शासन में रहने वाली कांग्रेस पार्टी है, जो मुसलमानों को चुनाव के मौके पर लॉलीपॉप देती थी। मुसलमान खुश होकर कांग्रेस को एकतरफा वोट करता था। मगर, हुकूमत बनने के बाद चुनाव में दिखाए गए सपने धरातल पर उतरने की कोई योजना नहीं बनाई जाती थी। मुसलमान शिक्षा के क्षेत्र में और आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़ता चला गया।
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के संबंध में राजस्थान के बांसवाड़ा में यह कहा था कि कांग्रेस मुसलमानों को जमीन जायदाद बांटने का काम करती थी। प्रधानमंत्री के इस बयान में कोई हकीकत और सच्चाई नहीं है। हकीकत ये है कि कांग्रेस ने मुसलमानों के उत्थान और जनकल्याण के लिए तो कुछ नहीं किया, मगर देश के मुसलमानों को एक आईना जरूर दिखाया। कांग्रेसी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने शासन काल में मुसलमानों को आईना दिखाने के लिए ‘सच्चर’ कमेटी के नाम से कमीशन बनाया था, जिसके माध्यम से पूरे देश में मुसलमानों के आर्थिक, शिक्षित और पिछड़ेपन के संबंध में एक रिपोर्ट तैयार कराई गई।
इस रिपोर्ट में ये दर्शाया गया था कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद मुसलमानों के बुनियादी मुद्दों पर काम किया जाएगा। मगर, पूरे 10 साल मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री रहे और ये रिपोर्ट 10 साल तक प्रधानमंत्री कार्यालय में पड़ी रही। कांग्रेस ने उस पर काम करने की कोई योजना नहीं बनाई। रिपोर्ट में ये जरूर बताया गया कि भारतीय मुसलमानों की स्थिति दलितों से ज्यादा बुरी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कही थी ये बात
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा की चुनावी सभा ने कहा था कि कांग्रेस अपने मेनिफेस्टो में माताओं–बहनों से सोना छीनने और सभी में बांटने की बात कर रही है। पहले जब उनकी सरकार थी, तब उन्होंने कहा था देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठी करके उनको बांटेंगे, जिनके ज्यादा बच्चे हैं। घुसपैठियों को बांटेंगे।