Ayodhya News: राम मंदिर में 4 दिन नहीं होंगे रामलला के VIP दर्शन

लखनऊ: अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर में विराजने के बाद यहां पर लगातार भक्तों की भारी भीड़ आ रही है. प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली रामनवमी पर उत्तर प्रदेश के अयोध्या में करीब 40 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने के अनुमान हैं. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर 15 से 18 अप्रैल तक 4 दिनों तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था  बंद कर दी गई है. इसके अलावा आरती VIP पास भी निरस्त कर दिए गए हैं.

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक पहले से की गई ऑनलाइन बुकिंग को भी कैंसिल कर दिया गया है. ट्रस्ट ने गाइडलाइन जारी करते हुए बताया है कि सोमवार से चार दिनों तक वीआईपी दर्शन की कोई व्यवस्था नहीं रहेगी.  जिन लोगों ने 15 से 18 अप्रैल के बीच के वीआईपी पास बनवाए हैं, उनके पास भी निरस्त माने जाएंगे.

नई गाइडलाइन जारी

रामनवमी पर अयोध्या में राम भक्तों की भीड़ को देखते हुए राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से नई गाइडलाइन जारी की गई है. इसके तहत 15 अप्रैल से 18 अप्रैल तक किसी भी तरह के वीआईपी दर्शन और वीआईपी पास पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है. श्रद्धालु सुगम दर्शन पास और आरती के पास का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. रविवार को मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र और ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जन्मभूमि परिसर में रामनवमी मेले की तैयारियों का जायजा लिया. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अयोध्या आने वाले लोगों से अपील की है कि राम लला के जन्मोत्सव के मौके पर मोबाइल फोन लेकर नहीं आएं. ट्रस्ट के सदस्य डॉ.अनिल मिश्रा बताया कि परिसर में यात्री सुविधा के लिए तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं.

17 अप्रैल को रामलला का जन्मोत्सव

रामलला का जन्मोत्सव 17 अप्रैल को है. रामनवमी के दिन रामलला के दर्शन के लिए भारी भीड़ अयोध्या पहुंचेगी, जिसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है. 15 अप्रैल से 18 अप्रैल तक सभी तरह के सुगम दर्शन पास और आरती पास को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है.

रामनगरी की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

रामनवमी पर रामनगरी को 7 जोन व 39 सेक्टर में बांटा गया है. रामनवमी पर रामनगरी की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.इसमें सिविल पुलिस, आरएएफ, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पीएसी को तैनात किया गया है. घाट को सुरक्षित करने के लिए जल पुलिस, NDRF, SDRF और बाढ़ राहत के दो PAC कंपनी को भी लगाया गया है. सरयू घाट से लेकर मंदिर तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं.