लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका अपना दल कमेरावादी के साथ गठबंधन टूट गया है। बीते दिनों राज्यसभा चुनाव के दौरान भी पल्लवी पटेल और अखिलेश यादव के बीच तल्खी सामने आई थी।
इससे एक दिन पहले ही पल्लवी पटेल ने फूलपुर, मिर्जापुर और कौशांबी लोकसभा सीटों पर दावा ठोका था। इसके बाद शाम को सपा ने मिर्जापुर से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था। उसी समय से ये चर्चा तेज हो गई थी कि सपा और अपना दल कमेरावादी का गठबंधन टूट गया है।
अखिलेश यादव का बयान
लखनऊ में गुरुवार (21 मार्च) को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा कि साल 2022 में अपना दल (कमेरावादी) से हमारा गठबंधन था, जो अब टूट गया है। हमारे साथ असली लोकदल है। इससे पहले पल्लवी पटेल ने कहा था कि हमने अपना निर्णय ‘इंडिया गठबंधन’ के सामने रख दिया। हमें फूलपुर, मिर्जापुर और कौशांबी की सीटें चाहिए।
इस दौरान अखिलेश यादव ने बताया कि प्रयागराज में अपना दल (सोनेलाल) के कई नेता सपा में शामिल हुए हैं। कन्नौज के एक एआईएमआईएम नेता भी हमारे साथ आए हैं। इसके अलावा कन्नौज, तिर्वा, छिबरामऊ के कई भाजपा नेता भी सपा में शामिल हुए हैं।
राज्यसभा प्रत्याशी को लेकर नाराज थीं पल्लवी पटेल
बता दें कि राज्यसभा चुनावों के दौरान अखिलेश यादव के टिकट बंटवारे से नाराज होकर पल्लवी पटेल ने एसपी के सिर्फ एक उम्मीदवार रामजी लाल सुमन को पीडीए के नाम पर वोट दिया था। उन्होंने पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक राजनीति से हटने पर अखिलेश यादव को घेरा था।
गौरतलब है कि यूपी की 80 लोकसभा सीटों में सपा ने कांग्रेस को 17 सीटें दी हैं, अन्य सीटों पर वह अपने प्रत्याशी उतार रही हैं। ऐसे में जब पल्लवी पटेल ने तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया तो सपा नेतृत्व सकते में आ गया था।