चुनाव 2024 से पहले गर्माया बंगाल: रामनवमी यात्रा पर मुर्शिदाबाद में पथराव, नंदीग्राम में भाजपा दफ्तर जलाने का आरोप

कोलकाता: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पश्चिम बंगाल में माहौल गर्म हो गया है। यहां मुर्शिदाबाद में बुधवार (17 अप्रैल) को रामनवमी शोभायात्रा के दौरान जमकर बवाल हुआ। इस दौरान हुई झड़प में सात लोग घायल हो गए, जिन्हें मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी है। साथ ही अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है।

बंगाल पुलिस का कहना है कि यह झड़प शक्तिपुर इलाके में हुई। इस इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है। तनाव की स्थिति के मद्देनजर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। हालांकि, रात में झड़प की कोई नई घटना नहीं हुई और फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

रामनवमी शोभायात्रा पर पथराव का आरोप

वहीं, रामनवमी के मौके पर मुर्शिदाबाद ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर में भी झड़प हुई। यहां रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हुई झड़प में चार लोग घायल हो गए। भाजपा का आरोप है कि शोभायात्रा पर पथराव किया गया। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े।

भाजपा का आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने पार्टी के पांचकार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। इस बीच बीजेपी की उम्मीदवार अग्निमित्रा पॉल मौके पर पहुंची और पार्टी कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की। पॉल की अगुवाई में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने टायर जलाए और बेल्डा-कांठी राजमार्ग को ब्लॉक कर रातभर प्रदर्शन किया। वहीं, नंदीग्राम में बीजेपी दफ्तर जलाने का भी आरोप है।

सुवेंदु अधिकारी ने ममता सरकार को घेरा

बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि प्रशासन से मंजूरी मिलने के बाद शांतिपूर्ण ढंग से रामनवमी की शोभायात्रा निकाली जा रही थी, लेकिन कुछ शरारती तत्वों ने मुर्शिदाबाद के शक्तिपुर में शोभायात्रा पर पथराव किया। मगर, ताज्जुब है कि इस बार ममता सरकार की पुलिस भी इन शरारती तत्वों के साथ मिल गई और रामभक्तों पर आंसू गैस के गोले दागने लगी। ऐसा इसलिए किया गया ताकि इस शोभायात्रा को रोका जा सके।

इस संबंध में सुवेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप करने और रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की है।

ममता ने दी थी दंगे भड़कने की चेतावनी

यह घटना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा मुर्शिदाबाद में रामनवमी पर दंगे भड़कने की चेतावनी के कुछ दिनों बाद हुई है। उन्होंने कहा थाकि रामनवमी के मौके पर राज्य में दंगे भड़काने की साजिश रची जा रही है। ममता बनर्जी ने एक चुनावी रैली में आरोप लगाया था कि वे आज दंगे में शामिल होंगे। दंगा होने की संभावना है और वे दंगा करके और वोट लूटकर (चुनाव) जीतेंगे। पिछले साल बंगाल में रामनवमी समारोह में भी हिंसा हुई थी, जिससे भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच बड़े पैमाने पर टकराव हुआ था।

ममता ने कहा था कि आज भी, सिर्फ बीजेपी के निर्देश पर मुर्शिदाबाद के DIG को बदल दिया गया। अब अगर मुर्शिदाबाद और मालदा में दंगे होते हैं, तो जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होगी। बीजेपी दंगे और हिंसा भड़काने के लिए पुलिस अधिकारियों को बदलना चाहती थी। अगर एक भी दंगा होता है, तो ईसीआई जिम्मेदार होगा क्योंकि वे यहां कानून व्यवस्था की देखभाल कर रहे हैं।