लोकसभा चुनाव परिणामों से पहले सुस्त हुई GDP, चौथी तिमाही का आंकड़ा औसत ग्रोथ से भी कम

नई दिल्‍ली: सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने शुक्रवार (31 मई) को भारत की जीडीपी से जुड़े आंकड़े पेश किए। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी की विकास दर 8.2 फीसदी रही है। जनवरी से मार्च तिमाही में जीडीपी 7.8 फीसदी रही। इससे पहले पिछले वित्त वर्ष की तीनों तिमाही में यह आंकड़ा 8 फीसदी से ज्यादा रहा था। पिछले वित्त वर्ष में भारत का राजकोषीय घाटा लगभग 16.54 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह सरकार के अनुमान 5.8 फीसदी से नीचे जाकर 5.6 फीसदी रहा है।

वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही का जीडीपी आंकड़ा गुरुवार (29 फरवरी) को आंकड़ा घोषित किया गया था। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के डेटा के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारतीय इकोनॉमी ने 8.4 फीसदी के दर से आर्थिक विकास किया था। इससे पहले भारतीय इकोनॉमी की विकास दर सितंबर तिमाही में 8.1 फीसदी और जून तिमाही में 8.2 फीसदी रही थी। भारतीय इकोनॉमी ने सभी अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए हर तिमाही में 8 फीसदी से ज्यादा की विकास दर हासिल की थी।

वित्त वर्ष 2022-23 में 7 फीसदी थी जीडीपी की विकास दर

नेशनल स्टेटिस्टिकल ऑफिस (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 के प्रोवीजनल आंकड़े पेश किए गए हैं। इसके अनुसार, रियल जीडीपी 8.2 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी है। वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी की विकास दर 7.0 फीसदी रही थी। रियल ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) भी वित्त वर्ष 2022-23 के 6.7 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 7.2 फीसदी हो गया है। ऐसा अनुमान लगाया गया था कि रियल जीडीपी 7.8 फीसदी और रियल जीवीए 6.3 फीसदी रह सकती है। हालांकि, असल आंकड़े इन अनुमानों के पार निकल गए।

मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ में तेज उछाल

वित्त वर्ष 2023-24 में नॉमिनल जीडीपी का ग्रोथ रेट 9.6 फीसदी रहा है। रियल जीवीए में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के चलते तगड़ा उछाल आया है। पिछले वित्त वर्ष में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 9.9 फीसदी रही। यह वित्त वर्ष 2022-23 में -2.2 फीसदी थी। साथ ही माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ में भी उल्लेखनीय तेजी आई है। यह वित्त वर्ष 2022-23 के 1.9 फीसदी से उछलकर 7.1 फीसदी हो गई है।