सहारनपुर में बसपा ने लोकसभा प्रत्याशी माजिद अली को पार्टी से निकाला, लगाया ये आरोप

सहारनपुर: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से लोकसभा उम्‍मीदवार माजिद अली को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के अलावा बीजेपी प्रत्याशी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के आरोप लगे हैं। सहारनपुर लोकसभा सीट से बुरी तरह चुनाव हारते ही माजिद अली को बड़े भाई सहित बहुजन समाज पार्टी ने निष्कासित कर दिया है। माजिद का निष्कासन राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का विषय बना हुआ है।

माजिद अली की बसपा से दूरी की पहली घटना नहीं है। उनकी पत्नी तस्मीम बानो वर्ष 2016 में बसपा के टिकट पर जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीती थी। इसके बाद माजिद पांच साल पार्टी में रहे और हर एक गतिविधियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया, लेकिन 2021 के जिला पंचायत चुनाव के दौरान पार्टी और उनके बीच कुछ मतभेद हो गए। इसके बाद उन्होंने 16 सितंबर 2021 को नोएडा में आजाद समाज पार्टी कार्यालय पर चंद्रशेखर की मौजूदगी में आसपा ज्वाइन कर ली थी। उन पर आरोप था कि बसपा से जिला पंचायत अध्यक्ष का दोबारा टिकट नहीं मिलने के कारण वह पार्टी छोड़कर भागे हैं, लेकिन तीन दिसंबर 2023 में यानी दो वर्ष दो माह 16 दिन बाद वह फिर से बसपा में लौट आए।

सहारनपुर में बसपा ने लोकसभा प्रत्याशी माजिद अली को पार्टी से निकाला, लगाया ये आरोप

बड़े भाई केआरके को भी किया निष्‍कासित

एक सम्मेलन में पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी शमसुद्दीन राइन ने उन्हें पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराने के साथ ही लोकसभा प्रभारी भी घोषित किया था। तब से वह लगातार पार्टी के साथ जुड़े हुए थे। लेकिन राजनीतिग गलियारों में बीच में यह भी चर्चा रही कि माजिद अली बसपा में आकर ज्यादा खुश नहीं हैं। क्योंकि इंडी गठबंधन के बाद उन्हें अपनी हार नजर आने लगी थी और हुआ भी यही। लोकसभा चुनाव में वह जमानत भी नहीं बचा सके। परिणाम आने के एक दिन बाद ही बसपा ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने एवं अनुशासनहीनता के चलते निष्कासित कर दिया है। उनके बड़े भाई केआरके को भी निष्कासित किया गया है।

जिलाध्यक्ष जनेश्वर प्रसाद ने कहा कि माजिद तो पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे ही। उनके भाई केआरके ने सोशल मीडिया के जरिए बहन मायावती के खिलाफ अपशब्द लिखे हैं, जिसे लेकर कार्रवाई की गई है।

मुझे निष्कासन की जानकारी नहीं: माजिद अली

वहीं, माजिद अली ने बताया कि निष्कासन संबंधी कोई फोन कॉल जिलाध्यक्ष की ओर से उनके पास नहीं आया है। उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से निष्कासन की जानकारी मिली है। रही बात केआरके के निष्कासन की तो वह कभी पार्टी में नहीं रहा। हमसे भी उसका बहुज ज्यादा ताल्लुक नहीं है। बहनजी ने जो कार्रवाई की है वह उसके खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे।