आशा वेलफेयर सोसाइटी की मदद से बबलू की हुई घर वापसी

सिज़ोफ्रेनिया नामक बीमारी व्यक्ति को संस्था ने पहुंचाया घर

लखनऊ: सामाजिक दिशा में काम करने वाली संस्था की मदद से लापता युवक की दो साल बाद घर वापसी हो पाई है। सिज़ोफ्रेनिया नामक बीमारी से ग्रसित 30 वर्षीय बबलू करीब दो साल पहले घर से लापता हो गया था। काफी खोजबीन के बाद पता न लगने पर घर वाले उसकी वापसी की उम्मीद खो चुके थे, लेकिन आशा वेलफेयर सोसाइटी की मदद से बबलू अपने घर वापस पहुंच चुका है।

बबलू आशा वेलफेयर सोसाइटी की टीम को सरस्वती डेंटल कॉलेज के पास बुरी हालत में मिला, जिसके गंदे पुराने कपड़े बड़े-बड़े बाल और नाखून थे। आशा वेलफेयर सोसायटी की टीम बबलू को संस्था लेकर आई। बबलू के बाल नाखून काटने के बाद स्नान कराकर साफ कपड़े पहनाए गए। संस्था में बबलू की अच्छी तरह से देखभाल की जाने लगी। बबलू का जरूरी जांच किया गया और मानसिक स्थिति समझने के बाद इलाज किया जाने लगा धीरे-धीरे बबलू की हालत में सुधार होने लगा। उसको रोजाना की गतिविधियों में शामिल किया गया। बबलू की काउंसलिंग की गई। करीब डेढ़ महीने इलाज के बाद जब बबलू की हालत में सुधार हुआ, तो उसने अपने घर का पता बताया और अपने घर जाने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद आशा वेलफेयर सोसायटी द्वारा बबलू को उसके घर गिनधरिया, बहराइच पहुंचाया गया। इसके साथ ही उसे 1 महीने की दवा भी दी गई। जब वह घर पहुंच तो माता-पिता घर वाले बबलू को देख कर बहुत खुश हुए। उन्होंने बताया कि हमने बबलू को बहुत ढूँढ़ा, लेकिन ये हमें नहीं मिल सका।

जब आशा वेलफेयर सोसायटी की टीम बबलू को लेकर उसके घर पहुंची, तो वहां गांव वालों की भीड़ लग गई। गांव के प्रधान भी खबर सुनकर आ गए। सब ने खुशी का इज़हार किया और बहुत दुआएं दी। डॉ. प्रशांत शुक्ला ने इस मौके पर गांव वालों को मानसिक रोगों के बारे में जागरूक किया और गांव के कुछ मरीजों को देखा, साथ में उनके लिए दवाई लिखीं।