नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पिछले महीने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर कार्रवाई के बाद मनी लॉन्ड्रिंग पर अंकुश लगाने के लिए नियामक मानदंडों के अनुपालन के लिए और अधिक बैंक जांच के दायरे में हैं। ये जानकारी द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट द्वारा दी गई है।
वित्तीय खुफिया इकाई ने नो-योर-कस्टमर (KYC) दस्तावेजों के बिना लगभग 50,000 बैंक खातों का पता लगाया है, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग का संदेह पैदा हो गया है। ईटी ने रिपोर्ट में बताया कि इनमें से 30,000 खाते पेटीएम पेमेंट्स बैंक से जुड़े थे, बाकी खातों की अतिरिक्त जांच शुरू की जा रही है।
एफआईयू ने पहले ही भेजी थी रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि एफआईयू ने पहले ही RBI को इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट भेज दी है, जिसने इसके संबंध में अतिरिक्त जानकारी मांगी है। रिपोर्ट के मुताबिक भुगतान बैंकों की कुछ प्रमुख चूकों में संदिग्ध लेन-देन की जांच करना, केवाईसी दस्तावेजों में विसंगतियां और एक पैन नंबर का उपयोग करके कई खातों का पंजीकरण शामिल है।
इस संबंध में एफआईयू को 31 मार्च तक आरबीआई को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ईटी को बताया कि 175,000 खाते ऐसे थे जो गैर-अनुपालन वाले थे, जिनमें से 50,000 ऐसी गतिविधियों में लगे हुए थे, जो प्रकृति में संदिग्ध थे और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल किए गए थे।
PMLA की धारा 13 के तहत मांगी जानकारी
अधिकारी ने आगे कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर एफआईयू रिपोर्ट चार महीने पहले आरबीआई को दी गई थी। पेटीएम बैंक द्वारा उल्लंघनों की सूची केवल केवाईसी उल्लंघनों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें अन्य अनियमितताएं भी शामिल हैं। अब एफआईयू ने अन्य भुगतान बैंकों में अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है और धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 13 के तहत जानकारी मांगी है।