लखनऊ: जल संचयन, संरक्षण व पर्यावरण संतुलन बनाए रखने तथा पानी के बेहतर उपयोग के दृष्टिगत गांवों में तालाबों, व जल स्रोतों को मनरेगा से संवारने का काम उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में किया जा रहा है। यही नहीं इसी दिशा में कार्य करते हुए प्रदेश में विलुप्तप्राय नदियों के पुनरूद्धार का कार्य भी किया जा रहा है। साथ ही साथ मनरेगा से अमृत सरोवरो को बनाने का कार्य जारी है।अमृत सरोवर के निर्माण में उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी राज्य है। अब भी तक देश में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 16,581 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा चुका है।
स्वच्छ पर्यावरण प्रदान करना उद्देश्य
ग्रामीण इलाकों में अमृत सरोवर का उद्देश्य जल संग्रह के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने और आम लोगों को व्यायाम तथा घूमने हेतु स्वच्छ पर्यावरण प्रदान करना है। तालाबों को अमृत सरोवर के रूप में विकसित करने से जल संग्रह तो होता ही है, संग्रहित जल का किसान उपयोग भी करते हैं। साथ ही इन सरोवरों के निर्माण से ग्रामीणों को टहलने-घूमने और सार्वजनिक स्थल पर बैठने की सुविधा भी उपलब्ध होती है। अमृत सरोवर के पास पौधे लगाने से वृक्षारोपण को भी बढ़ावा मिल रहा है। बात करें संस्कृति को तो स्थानीय त्योहार भी सरोवरों पर मनाए जा रहे हैं। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की पहल पर अमृत सरोवर विकसित होने से छठ पूजा जैसे त्योहार भी मनाने में महिलाओं को मदद मिली है। अमृत सरोवरों पर राष्ट्रीय पर्व जैसे (स्वतंत्रता दिवस,गणतंत्र दिवस) आदि पर ध्वजारोहण भी किया जाता है।
केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य दिया था। केंद्र द्वारा निर्धारित लक्ष्य 5,625 को 15 अगस्त 2022 को ही प्राप्त कर लिया गया था तथा अब तक 16 हजार से भी ज्यादा अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा चुका है। और लगातार अमृत सरोवरों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जल संरक्षण और संचयन के मकसद से भारत सरकार द्वारा शुरू की गई अमृत सरोवर योजना में उत्तर प्रदेश देश में पहले नंबर पर है।
प्रदेश में मनरेगा के तहत अब तक अमृत सरोवर के लिए 24,461 स्थान चिन्हित किए गए हैं। 21,026 चिन्हित स्थानों पर कार्य शुरू हो चुका है, वहीं 16,581 अमृत सरोवर का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश के अमृत सरोवरों की कुल संख्या (5,647) का दोगुना से भी अधिक है। तीसरे नंबर पर कर्नाटक में अब तक 3,815, चौथे नंबर पर राजस्थान में अब तक 3,085 और 5वें नंबर पर महाराष्ट्र में अब तक 3,013 अमृत सरोवर बनकर तैयार हो चुके हैं।
अमृत सरोवर के बड़े पैमाने पर निर्माण से उत्तर प्रदेश में ग्रामीण आबादी के एक बड़े हिस्से को रोजगार भी मिल रहा है। इससे किसानों की सिंचाई की समस्या का समाधान हुआ है और उनकी आय में भी वृद्धि हुई है।