स्पोर्ट्स डेस्क: आठ साल का इंतजार खत्म करते हुए घरेलू क्रिकेट की दिग्गज मुंबई ने अपना ही रिकॉर्ड बेहतर करके 42वीं बार रणजी ट्रॉफी खिताब जीत लिया है। फाइनल के 5वें और अंतिम दिन मेजबान ने विदर्भ को 169 रन से हराया। टूर्नामेंट के इतिहास में 90 में से 48वीं बार मुंबई फाइनल में पहुंची थी।
वानखेड़े स्टेडियम पर खेले गए फाइनल का नतीजा लगभग उसी समय तय हो गया था जब विदर्भ को 538 रन का लगभग नामुमकिन सा लक्ष्य मिला था। जीत के लिए 538 रन के लगभग असंभव लक्ष्य का पीछा करते हुए विदर्भ के बल्लेबाजों ने जुझारूपन दिखाया और मुंबई का इंतजार लंबा कराया।
Emotions ☺️
Classy Gestures 🫡
A Special Triumph 🙌
This moment has it all 👏 👏
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— BCCI Domestic (@BCCIdomestic) March 14, 2024
𝙒𝙝𝙖𝙩 𝘼 𝙈𝙖𝙩𝙘𝙝! 👌 👌
The @ajinkyarahane88-led Mumbai beat the spirited Vidarbha to win their 42nd #RanjiTrophy title 👏 👏
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That Winning Feeling! 🤗
Fitting finish for @dhawal_kulkarni as he picks up the last wicket and leads the Mumbai team off the field after a special triumph. 👏 👏
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कप्तान अक्षय वाडकर का शतक बेकार
विदर्भ के कप्तान अक्षय वाडकर (102) और हर्ष दुबे (65) ने हालांकि पूरे पहले सत्र में मुंबई के गेंदबाजों को परेशान किया। विदर्भ ने पांच विकेट पर 248 रन से आगे खेलना शुरू किया था और उसे 290 रन और चाहिये थे। विदर्भ की टीम 368 रन पर आउट हो गई। वाडकर ने इस साल पहला शतक जड़ने के साथ ही सत्र में 600 रन का आंकड़ा भी पार किया। वहीं, दुबे ने प्रथम श्रेणी कैरियर में दूसरा अर्धशतक जमाया। दोनों ने 194 मिनट और 255 गेंद तक चली साझेदारी निभाई।
वहीं, दूसरे सत्र का खेल शुरू होने के कुछ देर बाद ही वाडकर को तनुष कोटियान ने आउट किया। कोटियान ने 95 रन देकर चार विकेट लिए। यह साझेदारी टूटने के बाद विदर्भ की हार पर लगभग मुहर लग गई। विदर्भ दो बार खिताब जीतने के बाद तीन बार फाइनल हार गया है।