नई दिल्ली: नए चुनाव आयुक्तों के नाम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले पैनल की गुरुवार (14 मार्च) को बैठक हुई। इसके बाद नेता विपक्ष अधीर रंजन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पूर्व आईएएस अफसर ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू के नाम पर मुहर लगी है।
सुखबीर उत्तराखंड के चीफ सेक्रेटरी और NHAI के चेयरमैन रह चुके हैं। वहीं, ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के IAS अफसर हैं और गृह मंत्रालय में तैनात रह चुके हैं। धारा 370 पर फैसले के वक्त गृह मंत्रालय में तैनात थे। सहकारिता मंत्रालय में सचिव पद से रिटायर हुए हैं। हालांकि, अभी चुनाव आयुक्त की नियुक्तियों का आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद इनकी नियुक्ति की जाएगी।
अधीर रंजन चौधरी ने उठाए सवाल
विपक्षी नेता अधीर रंजन चौधरी ने नियुक्ति प्रक्रिया पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि मीटिंग शुरू होने के 10 मिनट पहले 6 नाम मेरे पास आए। मुझे सुखबीर सिंह संधू, ज्ञानेश कुमार, उत्पल कुमार सिंह, प्रदीप कुमार त्रिपाठी, इंदीवर पांडे और गंगाधर राहत के नाम सौंपे गए थे। मैंने कहा कि इनकी ईमानदारी और तजुर्बा जांचना मेरे लिए असंभव है। मैं इस प्रक्रिया का विरोध करता हूं। ये होना ही था। ये औपचारिकता है। इस कमेटी में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को रखना चाहिए। अगर CJI होते तो बात अलग थी। कल रात मैं दिल्ली आया, तब मुझे 212 लोगों की लिस्ट सौंपी गई थी। इतने कम समय में सभी का प्रोफाइल जांचना असंभव था।
नियम के अनुसार, चुनाव आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के अलावा दो चुनाव आयुक्त होते हैं। एक चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे फरवरी में रिटायर हो गए थे। दूसरे अरुण गोयल ने 8 मार्च की सुबह अचानक इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 9 मार्च को स्वीकार कर लिया। 3 सदस्यीय चुनाव आयोग में CEC राजीव कुमार ही अकेले बचे थे।