नीट यूजी 2024: चार लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स का फिर से जारी होगा रिजल्ट, समझें पूरा मामला 

नई दिल्‍ली: नीट यूजी परीक्षा निरस्‍त नहीं होगी। देश की शीर्ष अदालत ने यह साफ कर दिया कि दोबारा परीक्षा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने फिजिक्स के एक सवाल को लेकर भी स्पष्ट किया। अदालत का कहना था कि एक सवाल के दो जवाब सही नहीं हो सकते। इस कन्फ्यूजन में जिन स्टूडेंट्स ने अलग-अलग ऑप्शन को चुना था, उनके रिजल्ट को रिवाइज किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से चार लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स के रिजल्ट प्रभावित होंगे। इसमें नीट परीक्षा में 720/720 के साथ टॉप करने वाले वे 44 अभ्यर्थी भी शामिल हैं, चूंकि कोर्ट ने उन्हें दिए गए ग्रेस मार्क खत्म करने का फैसला किया है।

24 लाख की मेडिकल पढ़ाई पर पड़ेगा असर

दरअसल, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि यह साबित करने के पुख्ता प्रमाण नहीं है कि परीक्षा में प्रणालीगत गड़बड़ी हुई या पूरी परीक्षा की पवित्रता भंग हुई। कोर्ट ने आगे कहा कि इस बात में कोई शक नहीं है कि हजारीबाग और पटना में पेपर लीक हुआ और इसका फायदा 155 छात्रों को मिला। कोर्ट ने कहा, रीनीट के परिणाम गंभीर हो सकते हैं। यह 24 लाख छात्रों और मेडिकल पढ़ाई पर असर डालेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से कहा है कि फिजिक्स के क्वेश्चन पेपर में आईआईटी दिल्ली की एक्सपर्ट टीम द्वारा बताए गए जवाब को ही सही माना जाएगा। इसी के अनुसार, चार लाख स्टूडेंट्स के रिजल्ट को रिवाइज करने का आदेश दिया है। शुरुआत में NTA ने पुरानी और नई NCERT बुक के बीच विसंगतियों की वजह से दो विकल्पों को सही जवाब के रूप में माना था और इस हिसाब से ही स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। कोर्ट ने एक्सपर्ट टीम की रिपोर्ट के बाद स्पष्ट किया कि एक सवाल के दो ऑप्शन को सही जवाब नहीं माना जा सकता है।

कोर्ट के फैसले से प्रभावित होगा 4.20 लाख स्टूडेंट्स का रिजल्ट

कोर्ट का यह फैसला 4 लाख 20 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स के मार्क्स को प्रभावित करेगा, जिन्होंने पहले सही माने जाने वाले ऑप्शन को चुना था। इनमें से प्रत्येक छात्र के पांच अंक कटेंगे, जिसका असर ये होगा कि उनकी कुल रैंकिंग पर काफी प्रभाव पड़ेगा।  नए वर्गीकरण के मुताबिक, पहले बताए गए टॉपर्स का दोबारा से मूल्यांकन किया जाएगा, जिसके बाद 61 की जगह सिर्फ 17 स्टूडेंट्स ही टॉपर्स माने जाएंगे, क्योंकि जिन 44 को फिजिक्स के एक क्वेश्चन पर ग्रेस मार्क दिए गए थे, अब उन्हें माइनस 5 मार्क की पेनल्टी भुगतनी होगी।

जिन उम्मीदवारों ने 720 अंक प्राप्त किए हैं, उनके अंक घटकर अब 715 हो जाएंगे, जिससे उनकी रैंक में कम से कम 100 अंकों की और गिरावट आएगी। इससे पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली के एक विशेषज्ञ पैनल ने 23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में IIT दिल्ली ने बताया था कि NEET-UG पेपर में विवादास्पद फिजिक्स के एक क्वेश्चन का चौथा ऑप्शन ही सही जवाब है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नए अंतिम स्कोर एक या दो दिनों में जारी किए जाएंगे।