सीआरपीएफ जवानों की आर्थिक सुरक्षा से खिलवाड़, बेचे जा रहे थे नकली ट्रैक सूट; छह अफसर सस्पेंड

नई दिल्‍ली: देश के सबसे बडे़ अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ में नकली ट्रैक सूट बेचने से जुड़ा एक मामला सामने आया है। हालांकि, इस मामले की जानकारी जैसे ही वरिष्‍ठ अधिकारियों तक पहुंची तो उन्होंने सख्त कार्यवाही करते हुए छह अधिकारियों व कर्मचारियों को तत्काल सस्पेंड कर दिया। इस पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है।

बता दें कि 8 अप्रैल को नोएडा स्थित सीआरपीएफ के ग्रुप में सीआरपीएफ वाइव्ज वेलफेयर एसोसिएशन (CWA) द्वारा  संचालित परिवार कल्याण केंद्र पर अनाधिकृत तौर से ट्रैक सूट की बिक्री हो रही थी। सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट राहुल सोलंकी ने सीडब्‍ल्‍यूए अध्यक्ष और डीआईजी ग्रुप सेंटर को अपनी लिखित शिकायत की थी कि जवानों को सप्लाई होने वाले ट्रैक सूट को ज्यादा दामों पर बेचा जा रहा है। बल के उच्च आदर्शों को धक्का पहुंचा है। जवानों की आर्थिक सुरक्षा को चोट पहुंची है। ट्रैक सूट पर एक प्रतिष्ठित ब्रांड का नाम लिखा है।

जांच में सही पाई गई शिकायत

ट्रैक सूट वाले पैकेट पर ‘देश की वर्दी’ लिखा है। शिकायत के साथ 1600 रुपये के बिल की स्लिप लगाई गई है। शिकायत करने वाले अधिकारी ने यह दावा किया कि यह ट्रैक सूट नकली हैं और इस मामले की विस्तृत जांच की जाए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जब मामले की जांच  की गई तो असिस्टेंट कमांडेंट के द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए गए। इसके बाद मामले को लेकर अफरा-तफरी मच गई। फिर मामले से जुड़े लोगों पर तत्काल कार्रवाई कर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।

नियम है कि सीडब्‍ल्‍यूए केंद्र पर वही उत्पाद बेचे जा सकते हैं, जिन्हें केंद्र के सदस्य खुद बनाते हैं। केंद्र पर ट्रैक सूट तो नहीं बनाया जाता। इसके अलावा ग्रुप सेंटर पर सीडब्‍ल्‍यूए केंद्र, वहां के डीआईजी की पत्नी की देख-रेख में चलाए जाने का नियम है। यानी सीडब्‍ल्‍यूए जीसी की अध्यक्ष की अनुमति से ही कोई सामान केंद्र पर बेचा जा सकता है। वहीं, सीआरपीएफ सूत्रों ने बताया कि इस मामले में शामिल छह लोगों को सस्पेंड कर दिया है। यह निर्देश जारी किए गए हैं कि दूसरी जगह वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा चलाई गई तमाम गतिविधियों की जांच होनी चाहिए। जांच के बाद अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो।