CBI का एक्‍शन, चुनावी बॉन्ड खरीदने के मामले में दूसरे नंबर पर रही कंपनी पर भ्रष्टाचार का केस

नई दिल्‍ली: इलेक्‍टोरल बॉन्ड खरीदने के मामले में दूसरे नंबर पर रही कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ सीबीआई ने कथित भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को बताया कि मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और एनएमडीसी आयरन एंड स्टील प्लांट और इस्पात मंत्रालय के आठ अधिकारियों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के केस में मामला दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई एनआईएसपी के लिए 315 करोड़ रुपये की परियोजना के निष्पादन में हुई गड़बड़ियों के मामले में की गई है।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने बताया कि हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ कथित तौर पर रिश्वत देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस कंपनी ने कंपनी 966 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड्स खरीदे थे और इस मामले में दूसरे नंबर पर रही थी। सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि जगदलपुर एकीकृत इस्पात संयंत्र से संबंधित कार्यों के सिलसिले में मेघा इंजीनियरिंग के 174 करोड़ रुपये के बिलों को मंजूरी देने के लिए कथित तौर पर 78 लाख रुपये की रिश्वत दी गई। सीबीआई के अनुसार, रिश्वत स्वीकार करने के आरोप में एनआईएसपी और एनएमडीसी के आठ अधिकारियों और मेकॉन के दो अधिकारियों के नाम भी प्राथमिकी में शामिल किए गए हैं।

कंपनी के बॉन्ड्स को भाजपाकांग्रेस समेत कई पार्टियों ने भुनाए

चुनाव आयोग की ओर से बीते 21 मार्च को जारी आंकड़ों के मुताबिक, मेघा इंजीनियरिंग का नाम चुनावी बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार कंपनी के रूप में सामने आया था। आंकड़ों के अनुसार कंपनी की ओर से भाजपा को सबसे अधिक 586 करोड़ रुपये दान किए गए थे। कंपनी ने बीआरएस को 195 करोड़ रुपये, डीएमके को 85 करोड़ रुपये और वाईएसआरसीपी को 37 करोड़ रुपये का दान दिया है। कंपनी से टीडीपी को करीब 25 करोड़ रुपये मिले, जबकि कांग्रेस को 17 करोड़ रुपये मिले। जेडी-एस, जन सेना पार्टी और जेडी-यू को 5 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक की राशि कंपनी की ओर से दी गई थी।