पीएम मोदी ने 1500 से अधिक ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट स्टॉल’ को किया देश को समर्पित

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मुख्य कार्यक्रम स्थल गुजरात, अहमदाबाद से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर से 1,06,000 करोड़ से अधिक की विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं का रिमोट बटन दबाकर राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल, सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम, मैसूर-डॉ. एमजीआर सेंट्रल (चेन्नई), पटना-गोमतीनगर, न्यू जलपाईगुड़ी-पटना, पुरी-विशाखापत्तनम, देहरादून- लखनऊ जं, कलबुर्गी-सर एम विश्वेश्वरई टर्मिनल बेंगलुरु, रांची-वाराणसी, खजुराहो-दिल्ली (निजामुद्दीन) के मध्य 10 नई वंदे भारत ट्रेनों तथा 04 वंदे भारत ट्रेनों के विस्तार को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अहमदाबाद-जामनगर वंदे भारत को द्वारका तक, अजमेर-दिल्ली सराय रोहिल्ला वंदे भारत को चंडीगढ़ तक एवं गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत को प्रयागराज तक तथा तिरुवनंतपुरम-कासरगोड वंदे भारत को मंगलुरु तक बढ़ा दिया गया है।

अपने सम्बोधन ने पीएम मोदी ने क्या कहा

इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि देश भर में वर्ष 2024 के 75 दिनों में, 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन/शिलान्यास/लोकर्पण किया गया है। गति शक्ति कार्गो टर्मिनल नीति के तहत, कार्गो टर्मिनलों के निर्माण में वृद्धि हुई है क्योंकि भूमि पट्टे की नीति को सरल बनाया गया है और पारदर्शिता के लिए ऑनलाइन सिस्टम लाया गया है। उन्होंने रेलवे का आधुनिकीकरण करते हुए मानवरहित क्रॉसिंग और स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली को खत्म करने की परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश शत-प्रतिशत विद्युतीकरण की ओर बढ़ रहा है। देश में सौर ऊर्जा संचालित स्टेशन और जन औषधि केंद्र बन रहे हैं।

मेड इन इंडिया इकोसिस्टम का किया जिक्र

उन्होने कहा कि रेलवे में ट्रेनों, पटरियों और स्टेशनों का निर्माण ‘मेड इन इंडिया इकोसिस्टम’ का द्वारा हो रहा है। भारत में निर्मित लोकोमोटिव और कोच श्रीलंका, मोजाम्बिक, सेनेगल, म्यांमार और सूडान जैसे देशों में निर्यात किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि ‘मेड इन इंडिया’ सेमी हाई-स्पीड ट्रेनों की मांग के कारण ऐसी कई फैक्ट्रियां लगाये जायेगी। जिससे रेलवे का कायाकल्प, नया निवेश रोजगार के नए अवसर सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से अब इस कॉरिडोर पर मालगाड़ियों की गति दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि कॉरिडोर के पार एक औद्योगिक गलियारा विकसित किया जा रहा है। आज कई स्थानों पर रेलवे गुड्स शेड, गति शक्ति मल्टीमॉडल कार्गो टर्मिनल, डिजिटल कंट्रोल स्टेशन, रेलवे वर्कशॉप, रेलवे लोको शेड और रेलवे डिपो का भी उद्घाटन किया गया है। उन्होंने कहा कि इसका माल परिवहन पर भी बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। रेलवे स्टेशनों पर 50 प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र द्वारा लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराया जायेगा। 51 स्पीड मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल परिवहन के विभिन्न तरीकों के बीच माल की निर्बाध आवाजाही को बढ़ावा देंगे। 80 खंडों में 1045 आरकेएम स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली से उन्नत ट्रेन संचालन की सुरक्षा और दक्षता में वृद्धि होगी। 2646 स्टेशनों पर रेलवे स्टेशनों का डिजिटल नियंत्रण से ट्रेनों की दक्षता और सुरक्षा में सुधार होगा। 35 रेल कोच रेस्तरां का लक्ष्य रेलवे के लिए गैर-किराया राजस्व उत्पन्न करने के अलावा यात्रियों और जनता की जरूरतों को पूरा करना है।

वन स्टेशन वन प्रोडक्ट स्टॉल

प्रधानमंत्री ने देश भर में फैले 1500 से अधिक ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट स्टॉल’, राष्ट्र को समर्पित किए। यह स्टॉल स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देंगे और स्थानीय कारीगरों और व्यवसायों के लिए आय उत्पन्न करेंगे। भारतीय रेलवे आधुनिकीकरण की गति से आगे बढ़ती रहेगी। इसी परिप्रेक्ष्य में पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल में 01 गुड्स शेड (फरधान), 02 गतिशक्ति टर्मिनल (नकहा एवं सहजनवां), 02 प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र (गोरखपुर जं एवं लखनऊ जं), 01 रेल कोच रेस्टोरेंट (गोमतीनगर) तथा 12 ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ स्टॉल (गोरखपुर, आनन्द नगर, नौतनवॉ, सिद्धार्थनगर, खलीलाबाद, बस्ती, गोण्डा, सीतापुर, लखीमपुर, लखनऊ जं, ऐशबाग जं एवं बादशाहनगर) को प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को समर्पित किया।