ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शनिवार को ईटानगर में मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने उपहार देकर स्वागत किया। यहां पीएम मोदी ने सेला टनल का उद्घाटन किया। इसके अलावा पूर्वोत्तर में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखी। इस कार्यक्रम में भारी संख्या में लोग एकत्रित हुए।
इस मौके पर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि अरुणाचल की जनता की तरफ से ईटानगर आने के लिए और यहां विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन करने और आधारशिला रखने के लिए मैं पीएम मोदी का धन्यवाद करता हूं।
प्रधानमंत्री ने लोगों को किया संबोधित
वहीं, सेला टनल का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे देश में विकसित राज्य से विकसित भारत का राष्ट्रीय उत्सव तेज गति से जारी है। आज मुझे विकसित पूर्वोत्तर के इस उत्सव में, पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के साथ एक साथ हिस्सेदार बनने का अवसर मिला है। उन्होंने आगे कहा कि पूर्वोत्तर के विकास के लिए हमारा विजन अष्टलक्ष्मी का रहा है। दक्षिण और पूर्वी एशिया के साथ भारत के ट्रेड, टूरिज्म और दूसरे रिश्तों की एक मजबूत कड़ी हमारा नार्थ ईस्ट बनने जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज यहां एक साथ 55 हजार करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण या शिलान्यास हुआ है। आज अरुणाचल प्रदेश के 35 हजार गरीब परिवारों को अपने पक्के घर मिले हैं। उन्होंने बताया कि अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के हजारों परिवारों को नल कनेक्शन मिले हैं, पूर्वोत्तर के अलग-अलग राज्यों में कनेक्टिविटी से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हो रहा है।
कांग्रेस पर साधा निशाना
इस दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर के विकास पर हमने जितना निवेश बीते 5 वर्ष में किया है, जितना काम किया है। इतना ही काम करने के लिए कांग्रेस को 20 साल लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने विशेष तौर पर ‘मिशन पाम ऑयल’ की शुरुआत की थी। आज इसी मिशन के तहत पहली ऑयल मिल का लोकार्पण हुआ है। ये मिशन भारत को खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर तो बनाएगा ही साथ ही यहां के किसानों की भी आय बढ़ेगी।
क्या है सेला टनल?
सेला टनल दुनिया के सबसे ऊंचाई (13000 फीट) पर बनी सबसे लंबी सुरंग है। यह डबल लेन वाली यह ऑल वेदर टनल अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामिंग और तवांग जिले को जोड़ेगा। एलएसी तक पहुंचने वाली यह एक मात्र रास्ता है।