महाराष्ट्र की राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले शरद पवार की भले आज उनके ही सहयोगी दल (कांग्रेस और शिव सेना के उद्धव गुट) के नेता इस बात के लिए आलोचना कर रहे हों कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच क्यों साझा कर रहे हैं लेकिन इसके पीछे भी मराठा छत्रप की सियासी चाल नजर आती है। दरअसल, अपने सियासी दुश्मनों के साथ भी दोस्ती रखने वाले शरद पवार हर मौके को भुनाना जानते हैं। यही वजह है कि वह अपनी ही पार्टी के दो फाड़ होने के महीने भर के अंदर ही दो बड़े सियासी शत्रुओं के साथ मंच साझा करने जा रहे हैं।
पुणे में शरद पवार आज (मंगलवार) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि पर लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। उनके साथ मंच पर उनके बागी भतीजे और राज्य के नए डिप्टी सीएम अजित पवार भी होंगे। इनके अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी होंगे।
शरद पवार इस कार्यक्रम में पीएम मोदी को सम्मानित कर एक तीर से कई निशाने साध सकते हैं। मसलन, वह आम जनमानस को यह संदेश देने की कोशिश करेंगे कि उनका दिल बहुत बड़ा है। वह बहुत उदार हैं और दूसरे कि वह पीएम मोदी के बरक्स महाराष्ट्र की सियासत के बरगद हैं। वह इतने बड़े नेता है कि प्रधानमंत्री मोदी जिनकी विश्व में लोकप्रियता चर्चा में है, वह भी उनके हाथों सम्मान पाकर गदगद हैं।