सपा ने बेनी प्रसाद की पोती श्रेया को दिया टिकट, क्‍या ले पाएंगी बाबा की हार का बदला?

लखनऊ: पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा की पोती श्रेया वर्मा को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गोंडा जैसी चुनौतीपूर्ण सीट से प्रत्याशी बनाया है। गोंडा के पड़ोसी जिले बाराबंकी की निवासी श्रेया ने स्कूली पढ़ाई वेल्हम गर्ल्स स्कूल देहरादून से और दिल्ली के रामजस कॉलेज से इकनॉमिक्स में ऑनर्स किया है। कॉलेज की शिक्षा अपने बाबा बेनी प्रसाद वर्मा के साथ तब रहकर पूरी की, जब वे सांसद और केंद्रीय मंत्री थे।

श्रेया के पिता राकेश वर्मा भी विधायक और राज्य सरकार में मंत्री रहे हैं। श्रेया बताती हैं कि दिल्ली में बाबा के साथ होने की वजह से उन्हें सियासी संस्कार और समाजवादी विचार मिला। श्रेया ने इसके पहले कोई चुनाव तो नहीं लड़ा, लेकिन कॉलेज से निकलते ही सामाजिक सरोकारों से वह जुड़ गई थीं। एक एनजीओ के साथ जुड़कर दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सुधार की मुहिम का हिस्सा बनीं तो घर लौटते ही सियासत में रम गईं।

पहला चुनाव, लेकिन चुनाव लड़ाने का पूरा अनुभव

लगभग चार साल पहले समाजवादी पार्टी में श्रेया की एंट्री  ही महिला सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से हुई। साल 2022 का विधानसभा चुनाव आया तो बाराबंकी में न सिर्फ अपने पिता राकेश वर्मा के चुनाव की कमान संभाली, बल्कि इसी संगठन के  बैनर तले पूरे प्रदेश में काम किया। राकेश वर्मा महज 217 वोटों के अंतर से हार गए थे।

बता दें कि बेनी प्रसाद वर्मा ने 2014 में अपना आखिरी चुनाव कांग्रेस पार्टी से गोंडा से ही लड़ा था, लेकिन हार गए। इससे पहले 2009 में वह गोंडा से सांसद का चुनाव कांग्रेस से जीते और केंद्रीय मंत्री बने थे। साल 2014 की हार भी आज के मौजूदा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह से हुई थी, जिन्हें भाजपा ने फिर से प्रत्याशी बनाया है। श्रेया गोंडा में यदि चुनाव जीतती हैं, तो वह बाबा की हार का बदला होगा।

कैसरगंज सीट से भी चार बार सांसद रहे बेनी प्रसाद वर्मा

बेनी प्रसाद वर्मा बगल की कैसरगंज सीट से भी चार बार सपा के सांसद रहे हैं। बाराबंकी से कई बार विधायक और राज्य सरकार में मंत्री रहे। वह एक जमाने में मुलायम सिंह यादव के बाद पार्टी में नंबर दो माने जाने लगे थे। कुर्मी समाज के वह बड़े नेता थे।