नई दिल्ली/मथुरा: देश की शीर्ष अदालत ने मंगलवार (19 मार्च) को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में मसाजिद समिति की याचिका का निपटारा कर दिया।
समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें हाईकोर्ट ने इस विवाद से जुड़े 15 मुकदमों को एक साथ जोड़कर सुनवाई करने का फैसला लिया था।
11 जनवरी को दी आदेश को चुनौती
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने शाही मस्जिद ईदगाह की प्रबंध न्यासी समिति को इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष आदेश वापसी की याचिका दायर करने की अनुमति दी। समिति ने हाईकोर्ट के 11 जनवरी के आदेश को चुनौती दी है।
पीठ ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय को वापस लेने का अनुरोध किया है। हम मौजूदा विशेष अनुमति याचिका का निपटारा करते हैं और याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट में फिर से याचिका दायर करने की अनुमति देते हैं।
पीठ ने इससे किया इनकार
समिति के वकील ने कहा कि 11 जनवरी के आदेश को वापस लेने का आवेदन हाईकोर्ट में लंबित है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि आवेदन को एक तारीख पर हाईकोर्ट के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जाए। हालांकि, पीठ ने ऐसा कोई आदेश जारी करने से इनकार कर दिया।
हाई कोर्ट ने दिया था ये आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 11 जनवरी को ‘न्याय के हित में’ निर्देश दिया था कि हिंदू वादी द्वारा दायर एक आवेदन पर 15 मुकदमों को समाहित कर दिया जाए। हिंदू पक्ष ने हाईकोर्ट में अपने आवेदन में कहा था कि दीवानी न्यायाधीश (वरिष्ठ संभाग), मथुरा के समक्ष 25 सितंबर, 2020 को दायर मूल मुकदमे और 13.37 एकड़ जमीन से संबंधित अन्य मुकदमों को समाहित कर दिया जाए।