अयोध्या धाम में मंदिर होंगे स्वच्छ, ईश के चरणों में चढ़े फूलों से बनाई जाएगी धूप

अयोध्या नगर निगम की पहल, राम जन्मभूमि मंदिर और अन्य मंदिरों के फूलों को किया जाएगा रिसाइकिल

अयोध्या: अयोध्या धाम में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान और इसके बाद मंदिर में उपयोग होने वाले और श्रीचरणों में चढ़ने वाले फूलों के कारण मंदिर परिसर में गंदगी न हो, इसके लिए अयोध्या नगर निगम ने अनूठी पहल की है। इस पहल के तहत अयोध्या धाम के सभी मंदिरों में चढ़े फूलों को प्रॉसेस करके धूपबत्ती बनाई जा रही है। प्राण प्रतिष्ठा में बड़ी तादाद में चढ़ने वाले फूलों को भी नगर निगम इसी तरह प्रॉसेस करेगा, जबकि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद भी मंदिर परिसर में उपयोग होने वाले फूलों से धूपबत्ती बनाई जाएगी, ताकि मंदिर को न सिर्फ स्वच्छ रखा जा सके, बल्कि फूलों की प्रॉसेसिंग के माध्यम से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार से भी जोड़ा जा सके। एक आंकलन के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या धाम के सभी मंदिरों से प्रतिदिन 9 मीट्रिक टन फूल वेस्ट रिसाइकिल किए जाने की उम्मीद है, जबकि अभी यह 2.3 मीट्रिक टन ही हो रहा है।

अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह के अनुसार प्रभु श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या जी में हर साल असंख्य तीर्थयात्री आते हैं, जिससे टनों पुष्प अपशिष्ट उत्पन्न होता है। इस पुष्प अपशिष्ट को एकत्र करके इसे प्राकृतिक अगरबत्ती में परिवर्तित किया जाता है। यह पहल, अयोध्या के मंदिर के फूलों को एक नया जीवन प्रदान करती है और पूरे भारत के भक्तों के लिए एक शुभ, सुगंधित अनुभव बनाती है, जो श्री राम जन्मभूमि मंदिर के उत्सव में शामिल हो सकते हैं और अयोध्या जी और भगवान राम का आशीर्वाद घर ला सकते हैं, चाहे वे कहीं से भी हों। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक कार्यक्रम के बाद इस प्रक्रिया में और तेजी लाई जाएगी, क्योंकि 22 के बाद लाखों की संख्या में प्रतिदिन श्रद्धालुओं के अयोध्या धाम आने की संभावना है। ये श्रद्धालु विभिन्न मंदिरों में फूलों के माध्यम से अपने आराध्य के प्रति आस्था व्यक्त करेंगे। फूलों के कारण मंदिरों और धाम में कचरे की स्थिति उत्पन्न न हो इसलिए फूलों की प्रॉसेसिंग के साथ ही धूप बनाने के कार्य में तेजी लाई जाएगी।