ज्ञानवापी पर फैसला सुनाने वाले जज को मिल रही धमकी, पुलिस से मांगी ज्‍यादा सुरक्षा

वाराणसी: ज्ञानवापी को लेकर ऐतिहासिक फैसला देने वाले सिविल जज रवि दिवाकर को जान से मारने की धमकी देने की खबर सामने आई है। जस्टिस रवि दिवाकर का आरोप है कि उन्‍हें इंटरनेशनल नंबरों से धमकियां मिल रही हैं। इस बारे में जज ने पुलिस को भी जानकारी दी है। उन्होंने इन धमकियों की जांच करने को कहा है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, धमकियां मिलने के बाद जज रवि दिवाकर ने वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक सुशील चंद्रभान घुले को एक पत्र लिखकर कहा कि उन्हें विदेशी नंबरों से धमकी भरे कॉल आ रहे हैं। इससे पहले ज्ञानवापी के फैसले के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जज और उनके परिवार के लिए वाई-श्रेणी की सुरक्षा को मंजूरी दे दी थी। हालांकि, बाद में इसे घटाकर एक्स-श्रेणी कर दिया गया था। जज रवि दिवाकर के एक करीबी ने बताया कि इस समय उनकी सुरक्षा में इस समय दो सुरक्षाकर्मी हैं। इन सुरक्षाकर्मियों के पास आधुनिक हथियारों से मुकाबला करने के लिए हथियारों की कमी है।

पुलिस अधिकारियों को लिखा गया है पत्र

जस्टिस रवि दिवाकर की ओर से पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर मामले की जानकारी है। पत्र में जस्टिस ने लिखा कि 15 अप्रैल की शाम 8:42 बजे इंटरनेशनल नंबर से निजी नंबर पर कॉल आई। इस पर कोई उत्तर नहीं दिया गया है। इंटरनेशनल नंबर से कई दिन में कई कॉल आ चुके हैं। धमकी मिल चुकी है। जज रवि दिवाकर ने साल 2022 में कहा था कि इस सिविल केस को असाधारण केस बनाकर डर का माहौल बनाया गया। डर इतना है कि मेरा परिवार हमेशा मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता है और मैं उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं।

इसके साथ ही पिछले साल जज दिवाकर के लखनऊ स्थित घर के पास से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक सदस्य को गिरफ्तार किया गया था। हाल ही में बरेली में स्थानांतरित होने के बाद जज दिवाकर ने साल 2018 के बरेली दंगों के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ मौलवी तौकीर रजा को कथित मास्टरमाइंड के रूप में मुकदमा चलाने के लिए बुलाया है।