चुनाव आयोग ने पीएम मोदी और राहुल गांधी को भेजा नोटिस, इस बयानों पर मांगा जवाब

नई दिल्‍ली: केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने कथित आचार संहिता उल्लंघन मामले का संज्ञान लिया है। इसी मामले में चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है, जिसका जवाब 29 अप्रैल तक मांगा है।

दरअसल, भाजपा और कांग्रेस दोनों ने धर्म, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर नफरत और विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया था। आयोग ने 29 अप्रैल की सुबह 11 बजे तक जवाब मांगा है। चुनाव आयोग ने ये नोटिस दोनों ही पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा है।

चुनाव आयोग से की गई ये शिकायत

चुनाव आयोग ने गुरुवार (25 अप्रैल) को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से क्रमश: कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर जवाब मांगा है। आयोग को भेजी गई इन शिकायतों में आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। शिकायत में कहा गया है कि ये नेता धर्म, जाति, समुदाय और भाषा के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने और उन्हें बांटने का काम कर रहे हैं।

चुनाव आयोग ने जनप्रतिनिधि कानून के सेक्शन 77 के तहत दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को नोटिस भेजा। आयोग ने स्टार प्रचारकों की फौज उतारने के लिए पहली नजर में पार्टी अध्यक्षों को ही जिम्मेदार ठहराया है। उसने दोनों दलों के अध्यक्षों से कहा कि अपने प्रत्याशियों के कामों के लिए राजनीतिक दलों को ही पहली जिम्मेदारी उठानी चाहिए। खास तौर पर स्टार कैंपेनर्स के मामले में। शीर्ष पदों पर बैठे लोगों के चुनावी भाषणों का असर ज्यादा गंभीर होता है।

पीएम मोदी और राहुल गांधी के बयान

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार आई तो वह देश की संपत्ति को घुपैठिए और जिनके अधिक बच्चे हैं, उनके बीच बांट सकती है। पीएम मोदी के इस बयान के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई। उसका कहना है कि प्रधानमंत्री हिंदू-मुस्लिम करने लग गए हैं। साथ ही साथ उसने चुनाव आयोग से इस मसले पर एक्शन लेने की मांग की थी।

वहीं, भाजपा ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर देश में गरीबी बढ़ने का झूठा दावा करने का आरोप लगाया था। चुनाव आयोग से उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की थी। चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए भगवा पार्टी ने गांधी पर चुनाव का माहौल खराब करने के लिए भाषा और क्षेत्र के आधार पर देश को उत्तर-दक्षिण में बांटने का भी आरोप लगाया है था।