एक झटके में उनके सपने चूर-चूर हो गए, जानिए क्यों पीएम मोदी ने कहा ऐसा

PM Modi On EVM-VVPAT: सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों की वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दीं. सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि दोनों जजों के मत एक है. जिसके बाद कोर्ट ने EVM वोटर की VVPAT पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली याचिका खारिज कर दिया. कोर्ट से याचिकाएं खारिज होने पर पीएम मोदी ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला.

विपक्ष के सपने चूर-चूर हो गए- PM

पीएम मोदी ने कहा कि INDI गठबंधन के हर नेता ने EVM को लेकर जनता के मन में संदेह पैदा करने का पाप किया है, लेकिन आज देश के लोकतंत्र और बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान की ताकत देखिए, आज सुप्रीम कोर्ट ने मतपेटियों को लूटने का इरादा रखने वालों को ऐसा गहरा झटका दिया है कि उनके सारे सपने चूर-चूर हो गए हैं.

पहले पोलिंग बूथ लूट लिए जाते थे- प्रधानमंत्री

RJD और कांग्रेस के INDI गठबंधन को न देश के संविधान की परवाह है और न ही लोकतंत्र की परवाह है. ये वो लोग हैं, जिन्होंने दशकों तक बैलेट पेपर के बहाने लोगों का, गरीबों का अधिकार छीना. पोलिंग बूथ लूट लिए जाते थे, बैलेट पेपर लूट लिए जाते थे.

अब जब गरीबों को, देश के ईमानदार मतदाता को EVM की ताकत मिली है, तो ये जो चुनाव के दिन लूट चलाते थे, वोट हड़पने के खेल खेलते थे, अभी भी वो परेशान है. इसलिए उनका दिनरात यही काम रहता है कि कैसे भी करके EVM हटना चाहिए. लेकिन आज देश के लोकतंत्र और बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान की ताकत देखिए, आज सुप्रीम कोर्ट ने मतपेटियों को लूटने का इरादा रखने वालों को ऐसा गहरा झटका दिया है कि उनके सारे सपने चूर-चूर हो गए हैं. आज सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कह दिया है कि बैलेट पेपर वाला पुराना दौर वापस लौटकर नहीं आएगा.

आज जब पूरी दुनिया भारत के लोकतंत्र की, भारत की चुनाव प्रक्रिया की, चुनाव में टेक्नोलॉजी के उपयोग की वाहवाही करती है, तब ये लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए EVM को बदनाम करने पर लगे पड़े थे. इन्होंने लोकतंत्र के साथ लगातार विश्वासघात करने की कोशिश की है.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान जब याचिकाकर्ताओं की ओर से ईवीएम की हैकिंग को लेकर आशंका जाहिर की गई तो कोर्ट ने कहा कि संदेह के आधार पर कोई आदेश जारी नही कर सकते है. कोर्ट ने कहा कि आपकी आशंकाओं को लेकर हमने चुनाव आयोग से सवाल जवाब किया और चुनाव आयोग के जवाब दे दिया है. उन्होंने जो तकनीक दलीलें दी है, उस पर कोई अविश्वास करने की वजह नही है. अभी तक हैकिंग की कोई घटना सामने नही आई है. हम चुनाव आयोग को, चुनावी प्रक्रिया को तय नहीं कर सकते. चुनाव आयोग अपने आप में एक संवैधानिक संस्था है. हम उसे कंट्रोल नही कर सकते है.