लखनऊ में प्रॉपर्टी डीलर की मौत के मामले में दो दरोगा समेत तीन पुलिसकर्मी सस्‍पेंड

लखनऊ: बंथरा गांव में विवाद में 22 वर्षीय प्रॉपर्टी डीलर ऋतिक पांडेय की मौत के मामले में लापरवाही बरतने वाले तीन पुलिसकर्मियों को मंगलवार को सस्‍पेंड कर दिया गया। इनमें दो दरोगा और एक सिपाही है। बंथरा इंस्पेक्टर भी जांच में दोषी पाए गए हैं। डीसीपी ने उन पर कार्रवाई की संस्तुति कर पुलिस कमिश्नर को रिपोर्ट भेजी है। जल्द इंस्पेक्टर पर भी गाज गिर सकती है।

बंथरा गांव में रविवार रात बिजलीकर्मी फॉल्ट ठीक कर रहे थे। इस दौरान ऋतिक का हिमांशु सिंह व उसके साथियों से विवाद हो गया। आरोप है कि कुछ देर बाद ऋतिक के घर पर हिमांशु व अन्य लोगों ने धावा बोलकर पूरे परिवार को पीटा। कुछ घंटे बाद ऋतिक की मौत हो गई। पुलिस ने पांच नामजद व दस अज्ञात पर केस दर्ज किया था। मामले में पुलिस की लापरवाही उजागर हुई थी। एसीपी कृष्णानगर की जांच में दरोगा सुभाष यादव, दरोगा सुशील यादव और सिपाही यतेंद्र सिंह दोषी पाए गए। डीसीपी साउथ तेज स्वरूप ने इन सभी को निलंबित कर दिया है। विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं। प्रकरण में बंथरा इंस्पेक्टर हेमंत राघव भी लापरवाही बरतने में दोषी पाए गए हैं।

एसएसआई पर कार्रवाई न होने पर सवाल

पीड़ित परिजनों का कहना है कि वारदात की रात थाने के नाइट इंचार्ज एसएसआई इब्ने हसन थे। पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना मिलने पर वह और अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे भी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़ित परिजन ने इस पर सवाल उठाते हुए एसएसआई पर भी कार्रवाई की मांग की है। डीसीपी का कहना है कि जांच जारी है। अगर दोषी पाए गए तो कार्रवाई होगी।

तीन जिलों में दबिश, पर हाथ नहीं आए आरोपी

वारदात में अवनीश सिंह, हिमांशु सिंह, प्रियांशु सिंह, शनि सिंह और दस अज्ञात पर केस दर्ज किया गया था। पुलिस की तीन टीमें रायबरेली, अमेठी और सुल्तानपुर में दबिश दे रही हैं। हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पूरा परिवार गांव से गायब है।