कोलकाता: पश्चिम बंगाल में साल 2016 में हुई शिक्षक भर्ती को कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार (22 अप्रैल) को निरस्त कर दिया। इसके अलावा अवैध नियुक्ति पर काम कर रहे शिक्षकों से सात-आठ साल के दौरान मिली सैलरी भी वापस लेने के निर्देश दिए। जस्टिस देवांग्शु बसाक और जस्टिस शब्बर रसीदी की बेंच ने कहा कि कैंसर पीड़ित सोमा दास की नौकरी सुरक्षित रहेगी। पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करे।
वहीं, हाईकोर्ट के आदेश को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गैरकानूनी बताया है। उन्होंने कहा कि हम उन लोगों के साथ खड़े रहेंगे, जिनकी नौकरियां चली गईं। भाजपा नेता न्यायपालिका के फैसलों को प्रभावित कर रहे हैं। इस फैसले के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने साल 2014 में WBSSC के जरिए सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ भर्ती किया था। तब 24, 640 रिक्त पदों के लिए 23 लाख से अधिक लोगों ने भर्ती परीक्षा दी थी। इस भर्ती में 5 से 15 लाख रुपये तक की घूस लेने का आरोप हैं। मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में कई शिकायतें मिली थीं। भर्ती में अनियमितताओं के मामले में सीबीआई ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी करीबी मॉडल अर्पिता मुखर्जी और एसएससी कुछ अधिकारियों को गिरफ्तार किया था।