अरविंद केजरीवाल की जमानत पर लगी जनहित याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने लगाया 75 हजार का जुर्माना  

नई दिल्ली: दिल्‍ली के शराब नीति केस में 1 अप्रैल से तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जुड़ी दो याचिकाओं पर सोमवार (22 अप्रैल) को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। एक्टिंग सीजे मनमोहन की कोर्ट में केजरीवाल की जमानत के लिए जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। यह याचिका ‘वी द पीपुल ऑफ इंडिया’ के नाम से एक लॉ स्टूडेंट ने लगाई थी।

अरविंद केजरीवाल की ओर से एडवोकेट राहुल मेहरा ने कहा कि सभी मामलों में असाधारण जमानत दें। ऐसी अपील कैसे की जा सकती है। यह पूरी तरह से पब्लिसिटी के लिए दायर की गई याचिका है। इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी से पूरी सरकार रुक गई है। वे सरकार के मुखिया हैं। कोर्ट ने कहा कि राहुल मेहरा मुख्‍यमंत्री की ओर से पेश हुए हैं। उनका कहना है कि वे अपना काम कर रहे हैं। उन्हें आपसे कोई मदद नहीं चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने 75 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए याचिका खारिज कर दी।

15 मई को ईडी के समन के खिलाफ केस पर सुनवाई

वहीं, दूसरे मामले (ED के समन के खिलाफ) की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस सुरेश कैत और जस्टिस मनोज जैन की बेंच में हुई। बेंच ने इसे 15 मई के लिए लिस्ट कर दिया। इसके अलावा तीसरा मामला दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में स्पेशल जज कावेरी बावेजा सुनेंगी। केजरीवाल ने अपने डायबिटीज की रेगुलर जांच, डॉक्टर से कंसल्टेंशन और इंसुलिन की मांग को लेकर यह याचिका लगाई है। इस पर शाम तक फैसला आएगा।

अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल सुपरिंटेंडेंट को लिखी चिट्‌ठी

अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को तिहाड़ जेल सुपरिंटेंडेंट के नाम एक चिट्ठी लिखी है। सूत्रों के मुताबिक, इस चिट्‌ठी में केजरीवाल ने लिखा है- “मैंने अखबार में तिहाड़ जेल प्रशासन का बयान पढ़ा, जिसे पढ़कर बहुत दु:ख हुआ। तिहाड़ के दोनों बयान झूठे हैं। मैं रोज इन्सुलिन मांग रहा हूं। मैंने ग्लूकोमीटर की रीडिंग दिखाई। उन्हें बताया भी कि दिन में 3 बार शुगर बहुत हाई हो रही है। AIIMS के डॉक्टर्स ने मुझसे कभी भी नहीं कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है, बल्कि उन्होंने डेटा और हिस्ट्री देखकर बताने कहा है। तिहाड़ जेल प्रशासन राजनीतिक दवाब में झूठ बोल रहा है।”