नई दिल्ली: देश की नई संसद में मंगलवार को लोकसभा में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि महिला आरक्षण बिल का नाम ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ होगा। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के लागू होने के बाद हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा। इस अधिनियम को कानून बनाने के लिए हमारी सरकार संकल्पबद्ध है। उधर लोकसभा में बिल पेश होते ही विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल पेश करते हुए कहा कि महिला आरक्षण बिल की अवधि 15 साल होगी। हालांकि इस अवधि को आगे बढ़ाने के लिए संसद के पास अधिकार होगा। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के पास होने के बाद लोकसभा में महिला सीटों की संख्या 181 हो जाएगी। वर्तमान में लोकसभा में फिलहाल महिला सांसदों की संख्या 82 है। बिल पेश करते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने साजिश के तहत जानबूझकर यह बिल लोकसभा में पेश नहीं किया था।
बिल के मसौदे के मुताबिक, संसद और दिल्ली सहित सभी विधानासभाओं में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। वहीं बड़ी बात यह है कि एससी-एसटी वर्ग के लिए कोटा के अंदर कोटा लागू होगा। इसका मतलब है कि 33 फीसदी आरक्षण के अंदर एससी-एसटी में शामिल जातियों को भी आरक्षण की व्यवस्था रहेगी।
बिल के मसौदे के मुताबिक, डिलीमिटेशन के बाद ही आरक्षण लागू होगा। डिलिमिटेशन के लिए एक कमीशन बनाया जाएगा। डिलिमिटेशन के बाद करीब 30 फीसदी सीट बढ़ जाएंगी। डिलिमिटेशन संसद और विधानसभा दोनों के लिए होगा।