नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (24 सितंबर) को मन की बात के 105वें एपिसोड में चंद्रयान-3 और G-20 समिट की सफलता पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि मुझे चंद्रयान की सफलता के लिए कई पत्र मिले। भारत ने इस समिट में अफ्रीका को फुल मेंबर बनवाकर अपनी लीडरशिप का लोहा मनवाया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज के कार्यक्रम में जर्मनी की एक लड़की की भी चर्चा की। वो देख नहीं पाती, लेकिन संस्कृत के श्लोक इतने आसानी से गाती हैं, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह जाए। PM ने कार्यक्रम में 27 सितंबर को होने वाले विश्व पर्यटन दिवस और शांति निकेतन-होयसड़ा मंदिर की भी चर्चा की।
पीएम मोदी ने की छह प्रेरणा प्रयासों की चर्चा
जर्मनी की 21 साल की दृष्टिहीन कैसमी का भारतीय संगीत से प्रेम- जर्मनी की कैसमी, इन दिनों इंस्टाग्राम पर छाई हुई है। कैसमी कभी भारत नहीं आई। लेकिन भारतीय संगीत की दीवानी है। वे जन्म से देख नहीं सकती हैं, लेकिन ये चुनौती उन्हें रोक नहीं पाई। 3 साल की उम्र में संगीत से जुड़ने वाली कैसमी ने तबला बजाना भी सीखा है। कई भारतीय भाषाओं में महारत हासिल कर चुकी हैं। असमी बंगाली मराठी तमिल में गाती हैं।
राजस्थान पुष्कर के सुखदेव भट्ट और उनकी कोबरा टीम- बीते कुछ साल में देश में शेर, बाघ, तेंदुआ और हाथियों की संख्या बढ़ी है। कई कोशिशें जारी हैं, ताकि दरती पर रहने वाले दूसरे जीवों को बचाया जा सके। एक प्रयास राजस्थान के पुष्कर में सुखदेव भट्ट और उनकी टीम जानवरों को बचाने में लगी है। उनकी टीम खतरनाक सांपों का रेस्क्यू करती है। टीम एक कॉल पर पहुंच जाती है। अब तक 30 हजार से ज्यादा सांपों का रेस्क्यू किया है। लोगों का खतरा दूर हुआ, प्रकृति का संरक्षण भी। ये बीमार जानवरों की मदद करते हैं
तमिलनाडु के राजेंद्र प्रसाद का कबूतर प्रेम- तमिलनाडु के ऑटो ड्राइवर एम राजेंद्र प्रसाद अनोखाकाम कर रहे हैं। वे पिछले 30 साल से कबूतरों की सेवा में जुटे हैं। तमिलनाडु के दो सौ से ज्यादा कबूतर हैं। पानी भोजन का पूरा ध्यान रखते हैं। पैसा खर्च होता है लेकिन वे डटे हुए हैं। अगर आपको भी ऐसे प्रयास का पता चले तो उसे जरूर शेयर कीजिए।
हैदराबाद की नन्हीं लाइब्रेरियन आकर्षणा- हैदराबाद की 7वीं में पढ़ने वाली आकर्षणा सात-सात लाइब्रेरी चला रही हैं। 2 साल पहले वह सोशल वर्कर पिता के साथ कैंसर अस्पताल गई थी। बच्चों ने वहां कलरिंग बुक मांगी। ये बात उसे इतनी छू गई कि उसने अलग तरह की किताबें जुटाने की ठान ली। उसने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों से किताबें इकट्ठा करना शुरू की। पहली लाइब्रेरी उसी कैंसर अस्पताल में खोली। आज 7 लाइब्रेरी मे 6 हजार किताबें हैं।
UP के संभल में सत्तर से ज्यादा गांवों ने सोत नदी को पुनर्जीवन दिया-जनभागीदारी सामूहिकता से दशकों पहले विलुप्त सोत नदी, जो अमरोहा से बदायूं तक बहती थी। उसे दोबारा जिंदा करने का संकल्प लिया। पिछले साल दिसंबर में काम शुरू किया। साल के पहले 6 महीने में नदी के 100 किमी के रास्ते का पुर्नद्धार किया। बारिश में सोत नदी लबालब हो गई। नदी के किनारे बांस के दस हजार से ज्यादा पौधे लगाए ताकि किनारे सुरक्षित रहें।
पश्चिम बंगाल की शकुंतला सरदार के अटल इरादे- शकुंतला का परिवार मजदूरी से पेट पालता था। लेकिन उन्होंने साल के पत्तियों पर कढ़ाई करके नया क्राफ्ट तैयार किया। अब उनका यह हुनर महिलाओं के साथ-साथ साल के पत्तों को इकट्ठा करने वाले कई लोगों को रोजगार दे रहा है।
मन की बात में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा
चंद्रयान लॉन्चिंग के दिन इसरो ने रिकॉर्ड बनाया PM मोदी ने कहा कि मुझे कई पत्र मिले, जब चंद्रयान का लैंडर उतरने वाला था। तब कई लोग इसके साक्षी बने। इसरो के यूट्यूब चैनल पर 80 लाख लोगों ने देखा। ये रिकॉर्ड है। इससे पता चलता है कि लोगों को कितना लगाव है। इस दौरान चंद्रयान पर एक क्विज चल रहा है। जिसमें 15 लाख से ज्यादा लोग हिस्सा ले रहे हैं। मैं आपसे भी कहूंगा कि आप भी इसमें हिस्सा लीजिए, 6 दिन और बाकी हैं।
G20 में भारत ने अफ्रीका को मेंबर बनाकर लीडरशिप का लोहा मनवाया PM ने कहा- चंद्रयान के बाद G20 का आयोजन चर्चा में है। भारत ने इस समिट में अफ्रीका को फुल मेंबर बनवाकर अपना लोहा मनवाया है। जब भारत बहुत समृद्ध था, सिल्क रूट की चर्चा होती थी। अब एक और इकोनॉमिक कॉरिडोर सुझाया है। ये कॉरिडोर आने वाले सैकड़ों साल तक विश्व व्यापार का आधार बनने वाला है। इतिहास इसे याद रखेगा कि इसका सूत्रपात भारत की धरती पर हुआ था।
26 सितंबर को G20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम
प्रधानमंत्री ने कहा कि G20 के दौरान युवा शक्ति की चर्चा जरूरी है। साल भर आयोजन हुए। इसी बीच दिल्ली में एक और आयोजन होगा। G20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट, जिसमें आईआईटी, मेडिकल कॉलेज, IIM के स्टूडेंट जुड़ेंगे। 26 सितंबर को इससे जुड़िए जरूर। इसमें मैं खुद शामिल होऊंगा।
शिक्षा को बढ़ावा देते युवाओं की घोड़ा लाइब्रेरी
उत्तराखंड के नैनीताल में कुछ युवा बच्चों की शिक्षा के लिए काम कर रहे हैं। इन्होंने घोड़ा लाइब्रेरी शुरू की है, इसके जरिए दुर्गम इलाकों में पुस्तकें पहुंचाई हैं। 12 गांवों तक किताबें पहुंचाने के काम में स्थानीय लोग भी मदद कर रहे हैं। ये अनोखी लाइब्रेरी बच्चों को भी पसंद आ रही है।