नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ताज महल और उसके आसपास के संरक्षण के लिए तैयार किए गए विजन डॉक्यूमेंट और योजना पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से जवाब तलब किया है. जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिय उज्जल भुइयां की बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार को विजन डॉक्यूमेंट रिकॉर्ड पर लाने का निर्देश दिया, जिसे राज्य के साथ स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) ने तैयार किया है.
टीटीजेड 10 हजार वर्ग किलोमीटर का है
ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन (TTZ) एक समलम्बाकार आकार का क्षेत्र है, जो लगभग 10,400 वर्ग किलोमीटर में फैला है और उत्तर प्रदेश के आगरा, फ़िरोज़ाबाद, मथुरा, हाथरस और एटा जिलों और राजस्थान के भरतपुर जिले में फैला हुआ है.
“विजन दस्तावेज पर ASI की प्रतिक्रिया भी जानना जरूरी”
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि विजन दस्तावेज ASI के साथ विचार-विमर्श के बिना तैयार किया था. जो ताजमहल के रखरखाव के लिए एक निकाय है. इसलिए इस विजन दस्तावेज पर ASI की प्रतिक्रिया भी जानना जरूरी है.
सुप्रीम कोर्ट आगरा को विश्व धरोहर शहर का दर्जा देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है. जिसको लेकर अदालत ने केंद्र सरकार से 6 सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. बेंच ने कहा कि 8 दिसंबर, 2017 को उसने भविष्य की योजना तैयार करने का निर्देश दिया था.
11 जुलाई तक हलफनामा पेश करने के आदेश
शीर्ष अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार के साथ ही आगरा विकास प्राधिकरण (ADA) समेत इसमें शामिल सभी पक्षों को 11 जुलाई तक विस्तृत हलफनामा पेश करने के आदेश दिए हैं. जिसमें भूमि सरंक्षण से लेकर सफाई प्रयासों में हुई प्रगति का उल्लेख किया गया हो. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि 26 जुलाई, 2018 को उसने नोट किया था कि योजना तैयार की गई थी, लेकिन एएसआई के परामर्श के बिना, जो ताज महल के रखरखाव के लिए जिम्मेदार है. बेंच ने कहा कि हम विजन डॉक्यूमेंट पर एएसआई की प्रतिक्रिया जानना चाहेंगे और मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई के लिए तय कर दी.