लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा चर्चा समाजवादी पार्टी की बार-बार बदलती प्रत्याशियों की लिस्ट है। दो दिन पहले ही सपा ने कन्नौज लोकसभा सीट से बिहार के पूर्व सीएम और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू यादव के दामाद तेज प्रताप यादव को टिकट दिया था, जोकि सैफई परिवार से हैं और अखिलेश के भतीजे हैं। तेज प्रताप 24 अप्रैल यानी आज अपना नॉमिनेशन भी दाखिल करने वाले थे, लेकिन अब उनका नामांकन टल गया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सपा ने कन्नौज सीट से उम्मीदवार बदल दिया है।
कन्नौज लोकसभा सीट से तेज प्रताप की जगह अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव खुद चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं। कहा जा रहा है कि इस बात की पुष्टि सपा महासचिव और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने की है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव कन्नौज से ही चुनाव लड़ेंगे। 25 अप्रैल को वह कन्नौज सीट से नामांकन करेंगे।
अखिलेश यादव ने भी दिया बयान
वहीं, इन अटकलों को लेकर अब खुद अखिलेश यादव ने भी चुप्पी तोड़ी है। सपा मुखिया ने कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों पर कहा कि जब नॉमिनेशन होगा तब पता चलेगा। सवाल कन्नौज की ऐतिहासिक जीत का है। जनता ने मन बना लिया है कि INDIA गठबंधन भविष्य बनकर आ रहा है और बीजेपी इस चुनाव में इतिहास बन जाएगी।
कन्नौज सीट पर रहा यादव परिवार का दबदबा
कन्नौज लोकसभा सीट पर मुलायम यादव परिवार का लंबे समय तक दबदबा रहा है। इस सीट पर मुलायम यादव, अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव सांसद रह चुकी हैं। यह सीट सन् 1999 से लेकर साल 2014 तक यादव परिवार के कब्जे में रहा। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को हरा दिया था और इस तरह बीजेपी ने सपा से यह सीट छीन ली थी।
अखिलेश यादव के चुनावी मैदान में उतरने के पीछे रणनीति
सपा नेताओं को यह उम्मीद है कि अखिलेश यादव के मैदान में आने से यादव-मुस्लिम मतदाता गोलबंद होंगे ही, पार्टी को हर जाति-वर्ग से मुलायम के इमोशनल कनेक्ट का लाभ भी मिल सकता है। अखिलेश इस सीट से एक उप चुनाव समेत लगातार तीन चुनाव जीत चुके हैं और वह इस सीट के लिए नए नहीं हैं।
अखिलेश यादव का राजनीतिक सफर
अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई, 1973 में हुआ था। सपा प्रमुख उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इससे पहले वह लगातार तीन बार सांसद रह चुके हैं। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने साल 2000 में कन्नौज सीट से अपना पहला चुनाव लड़ा। इस चुनाव में अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी के दिग्गज नेता अकबर अहमद डंपी को हराया था। इसके बाद वह साल 2012 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और फिर कन्नौज सीट से उनकी पत्नी डिंपल डिंपल यादव जीत गईं। मगर, साल 2019 में उनको बीजेपी के सुब्रत पाठक ने हरा दिया।