फतेहपुर: असोथर थाना महिला कांस्टेबल की भारी कमी से जूझ रहा है। ऐसे में एक-एक महिला कांस्टेबल पर कई कार्यों की जिम्मेदारी है। हालात यह है कि क्षेत्र में जितने हल्के हैं, उतनी भी महिला कांस्टेबल की तैनाती नहीं है। हालांकि, महिला कांस्टेबल कि संख्या कम होने के बावजूद भी जिस तरीके से सरकारी कार्य किये जा रहे हैं, वह सराहनीय है।
गौरतलब है कि पुलिस लाइन और कई अन्य थानों में महिला कांस्टेबल की संख्या से कमी को दूर किया जा सकता है। ऐसे में मामले पर पुलिस अधीक्षक उदय शंकर सिंह को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
यहां पर है महिला कांस्टेबल की तैनाती
जिले का असोथर थाना बेहद पिछड़ा क्षेत्र है। यहां पर पांच हल्का ऐसे हैं, जहां पर महिला कांस्टेबल के तैनाती की व्यवस्था है। इनमें असोथर कस्बा, सरकंडी चौकी, टीकर, छिछनी और ऐझी-कोटवा शामिल हैं। थाने में पीआरडी सहित महिला कांस्टेबल की संख्या पांच है। ऐसे में एक महिला कांस्टेबल की कमी पहले से ही चल रही है। इन्हीं चार महिला कांस्टेबल के कंधों पर थाने की महिला हेल्प डेस्क का बोझ है। इतना ही नहीं एंटी रोमियो से लेकर मिशन शक्ति भी इन्हीं महिलाओं के जिम्मे है।
इसके अतिरिक्त भी महिला अपराध होने पर पीड़ित की चिकित्सकीय जांच भी करवानी होती है। ऐसे में कई बार महिला हेल्प डेस्क, मिशन शक्ति और एंटी रोमियो के तहत होने वाले कार्य प्रभावित होते हैं, क्योंकि हल्का में तैनात इन्हीं महिला कांस्टेबल को ये सभी कार्य करने होते हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर जो महिला कांस्टेबल हल्का में तैनात हैं, वो एक साथ इतने कार्यों को कैसे कर रही होंगी? महिला कांस्टेबल की कम संख्या के बावजूद भी जिस तरह से असोथर थाने की महिला कांस्टेबल सरकारी जिम्मेदारियों को निभा रही हैं, वह सराहनीय है।
ऐसे होगी आसानी
जानकारी के मुताबिक, पुलिस लाइन और कई थानों में महिला कांस्टेबल की संख्या अधिक है। इनमें थरियांव, कोतवाली, गाजीपुर सहित अन्य थाने शामिल हैं। ऐसे में यदि इन थानों से भी एक-एक महिला कांस्टेबल को असोथर थाने भेज दिया जाए तो महिला हेल्प डेस्क, एंटी रोमियो और मिशन शक्ति के कार्यों को करने में सरलता हो सकती है।
कम संख्या से प्रभावित होते कार्य
असोथर थाने में कम संख्या होने के कारण कार्य भी प्रभावित होते हैं। पांच हल्का में एक पीआरडी महिला सहित पांच कांस्टेबल तैनात हैं, लेकिन बीमारी, अवकाश या फिर आपातकालीन कार्यों की वजह से एक महिला कांस्टेबल का कार्य दूसरी महिला कांस्टेबल पर बढ़ जाता है। ऐसे में कई बार ऐसा भी होता है कि महिला हेल्प डेस्क, एंटी रोमियो, मिशन शक्ति के कार्य प्रभावित होते हैं। कभी-कभी महिला हेल्प डेस्क पर महिला कांस्टेबल के न होने से पीड़िता को परेशानी का समाना भी करना पड़ता है। ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि जिले के अधिकारी मामले पर कब संज्ञान लेते हैं, और असोथर थाने को निर्धारित महिला कॉन्स्टेबल मिलती हैं।