नई दिल्ली: राज्यसभा में शुक्रवार (9 अगस्त) को समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ के लहजे पर आपत्ति जताई. वहीं इसके सदन में काफी हंगामा हुआ, अब इस मामले में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बिना किसी का नाम लिए अपनी बात रखी है. अखिलेश यादव ने इस दौरान परंपरा का भी जिक्र कर दिया है.
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा-“‘पद-नाम’ को, ‘पद-मान’ देना ही स्वस्थ परंपरा होती है.” हालांकि अखिलेश यादव ने किसी का नाम नहीं लिया है लेकिन साफ तौर पर सपा मुखिया की यह बात आज राज्यसभा में हुए विवाद को लेकर ही देखी जा रही है. इस मामले पर सदन से निकलने के बाद सपा सांसद जया बच्चन ने कहा, “मैंने सभापति के टोन पर आपत्ति जताई, हम स्कूल के बच्चे नहीं हैं. हम सब वरिष्ठ हैं, खासकर जब नेता विपक्ष (मल्लिकार्जुन खरगे) बोलने के लिए खड़े हुए उन्होंने माइक बंद कर दी. आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? ये परंपरा के खिलाफ है. ”
उन्होंने कहा कि अगर आप उन्हें बोलने नहीं देंगे तो हम क्या करने आए हैं? वो हमेशा असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि आप सेलिब्रेटी होंगी मुझे फर्क नहीं पड़ता. ये महिलाओं का अपमान है, मुझे माफी चाहिए.
बता दें कि सदन में सपा सांसद जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ से कहा, “मैं जया अमिताभ बच्चन यह बोलना चाहती हूं, मैं कलाकार हूं, बॉडी लैंग्वेज समझती हूं, एक्सप्रेशन (भाव भंगिमा) समझती हूं। और महोदय, मुझे माफ कीजियेगा. मगर आपका टोन जो है, यह स्वीकार्य नहीं, हम सहयोगी हैं, आप आसन पर हो सकते है और मुझे अपने स्कूल के….”
वहीं जया बच्चन अपनी बात पूरी नहीं कर पाईं और सभापति ने उन्हें बैठने के लिए कहा. इस दौरान सभापति ने कहा, ‘‘जया जी, आपने बहुत ख्याति हासिल की है. आप जानती हैं कि कलाकार निर्देशक के अनुसार काम करता है. आप वह नहीं देखतीं जो मैं यहां से देखता हूं. हर दिन, मैं दोहराना नहीं चाहता. मैं स्कूलिंग नहीं चाहता. मैं वह व्यक्ति हूं जो ‘आउट ऑफ द वे’ गया और आप कहती हैं कि मेरी टोन.’