नई दिल्ली: ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद के पिलर हिंदू मंदिर के लगते हैं। साथ ही यह भी दावा किया गया कि 34 जगहों पर देवनागरी, कन्नड़, तेलुगू शिलालेख मिले हैं। इससे पता चलता है कि मंदिर के ही हिस्से को मस्जिद बनाने में इस्तेमाल हुआ है। अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एएसआई की इस रिपोर्ट की आलोचना करते हुए संगठन को “हिंदुत्व की दासी” करार दिया और कहा कि रिपोर्ट महज अनुमान पर आधारित है और वैज्ञानिक अध्ययन का मजाक उड़ाया गया है।
सोशल मीडिय प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में, ओवेसी ने कहा, “यह प्रोफेशनल पुरातत्वविदों या इतिहासकारों के किसी भी समूह के सामने अकादमिक जांच में खड़ा नहीं होगा। रिपोर्ट अनुमान पर आधारित है और वैज्ञानिक अध्ययन का मजाक उड़ाती दिखती है। जैसा कि एक महान विद्वान ने एक बार कहा था ‘एएसआई हिंदुत्व की दासी है।’