अटल आवासीय विद्यालय के कार्यक्रम में मंच पर सीएम योगी , बच्चो को किया सम्भोधित

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के 18 मंडलीय मुख्यालयों पर अटल आवासीय विद्यालय का शुभारंभ पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया था. अटल जी हमेशा एक ही बात कहते थे, अशिक्षा और अभाव से जो समाज सफलतापूर्वक मुकाबला कर ले उसको सुरक्षित और समृद्ध होने से दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती. यह अभाव व अशिक्षा ही समाज के सबसे बड़े दुश्मन हैं.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को सरोजिनी नगर में अटल आवासीय विद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2024-25 के शुभारंभ अवसर पर मेधावी छात्रों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया. साथ ही नए प्रवेश लेने वाले छात्रों को स्कूल बैग आदि सामान का वितरण भी किया. अटल आवासीय स्कूल पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ 18 मंडलो में बने अटल आवासीय स्कूल के नए सेशन की शुरुआत की. स्कूल में सीएम योगी ने बच्चों को चॉकलेट दी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अशिक्षा और अभाव समाज के सबसे बड़े दुश्मन है. अभाव आता है अराजकता और भ्रष्टाचार से. जहां अभाव होगा वहां असुरक्षा होगी जंगलराज होगा. जब समाज को नेतृत्व न मिले तो अशिक्षा आती है, समाज में अशिक्षा से विकृतियां आती हैं. अटल जी ने अपने काव्यों में इन सबको उल्लेखित किया है. हम सब उन्हीं श्रद्धेय अटल जी की स्मृतियों को संजोते हुए इन आवासीय विद्यालयों को शुभारंभ करने जा रहे हैं.

सीएम ने कहा कि जब समाज को अच्छे और बुरे की जानकारी ना हो, जब समाज को सही दिशा में नेतृत्व ना मिले तो अशिक्षा जैसी बीमारियां तेजी से फैलते हैं. समाज का एक बड़ा तबका इसकी चपेट में आता है. ऐसे में गरीबी, भुखमरी, अभाव व सारी विकृतियों समाज के सामने देखने को मिलती हैं.

अटल जी के सामने एक चुनौती थी. एक व्यापक जीवन का अभाव था और उसी व्यापक जीवन के अनुभव को उन्होंने अपने शब्दों से अपने कार्यों के माध्यम से जीवन में उतारा. जब सरकार में आने का अवसर प्राप्त हुआ तो इन बुराइयों से लड़ने के लिए धरातल पर उतारने का काम उन्होंने किया था. इसी को आगे बढ़ाते हुए पीएम मोदी ने आवाह्न किया था, देश के रजिस्टर्ड श्रमिको के बच्चों के लिए बेहतर करने का, उसी क्रम में यह कार्य हो रहा है.

उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि आज हमें अपने बचपन की याद आ गई. जब हम लोग आपकी उम्र में प्राइमरी पाठशाला में पढ़ने के लिए जाते थे. बैठने के लिए अपना बोरा और फट्टा बगल में होता था. लकड़ी की फट्टी होती थी, खड़िया को पानी में घोलकर लिखते थे. उस समय ऐसी व्यवस्था नहीं थी. लेकिन जब विद्यालय परिसर को हमने देखा यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर को देखा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए उच्च कोटि के शिक्षकों को प्रधानाचार्य को समर्पित भाव से बच्चों के बीच में काम करते देखा, तो मुझे अपने बचपन की याद आ गई. ये बच्चे कल के भारत के भविष्य हैं.

प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि अंतिम व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान किस तरह लाई जाती है अगर किसी को देखना और महसूस करना हो तो उसे उत्तर प्रदेश आना होगा और योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जो काम किया है, उसे देखना होगा.