फतेहपुर: पुलिस अधीक्षक उदय शंकर सिंह के निर्देशन में जिले जी 28 स्थानों पर साइबर जागरूकता कार्यशाला हुई। जिसमें 11 हजार लोगों ने जुड़कर कार्यक्रम को सफल बना दिया। इसमें सभी थाना प्रभारियों ने अपने स्तर से लोगों को साइबर अपराध के प्रति जागरूक करने में सहयोग किया। यह कार्यशाला वर्चुअली हुईं। जिसमें नोएडा से साइबर विशेषज्ञ डॉक्टर रक्षित टंडन ने कई जानकारी साझा की। कार्यक्रम में साइबर प्रभारी अतुल्य पाण्डेय का भी बड़ा योगदान रहा।
लोगों को साइबर अपराध से बचाने के लिए जिले भर के थानाक्षेत्रों में एक घंटे की वर्चुअल कार्यशाला का आयोजन किया गया था। जिसमें थानाध्यक्ष और प्रभारियों ने लोगों को आमंत्रित कर उन्हें अपराध के प्रति जागरूक किया। इनमें बिंदकी, जहानाबाद, बकेवर, चांदपुर, कल्याणपुर, जाफरगंज, कोतवाली, महिला थाना, राधानगर, मलवाँ, हुसैनगंज, हथगांव, खागा, किशनपुर, खखरेरु, धाता, असोथर, ललौली, गाजीपुर, थरियांव, औग, सुल्तानपुर घोष सहित पुलिस चौकी और अन्य स्थानों में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया। एक आंकड़े के अनुसार सभी थाना क्षेत्रों में करीब 11 हजार से अधिक लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
अक्टूबर माह को वैश्विक स्तर पर राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरुकता माह (National Cyber Security Awareness Month – NCSAM) के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक करना है। इसी कर तहत जिले के 28 स्थानों में थाना, चौकी, गेस्टहाउस, विद्यालय शामिल थे। यहाँ पर 11000 से अधिक महिला, पुरुष, छात्र, किसान, व्यापारियों को साइबर अपराध के बारे में जानकारी ली। साइबर विशेषज्ञ डॉक्टर रक्षित टंडन ने ऑनलाइन माध्यम से नोएडा से जुड़कर सभी को एक साथ टिप्स दिए।
उन्होंने बताया, कभी भी किसी के साथ अपने खातों की डिटेल शेयर ना करें, अंजान लिंक को कभी ना खोलें और सोशल मीडिया का उपयोग बेहद सावधानीपूर्वक करें। साथ ही अपने डिजिटल दस्तावेजों को ऑनलाइन सुरक्षित रखें। साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए फतेहपुर पुलिस ने अधिक से अधिक लोगों को एक साथ जागरूक करने का बड़ा प्रयास किया है। जिससे लोगों को साइबर अपराध का शिकार होने से बचाया जा सके। किसी भी प्रकार के साइबर अपराध होने पर शिकायत को दर्ज करने के लिए नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के टोल फ्री नं. 1930 या 112 डायल करें। साथ ही अपने बैंक को घटना के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए स्थानीय थाने या साइबर क्राइम सेल में भी सूचना दें।