फतेहपुर: नारी शक्ति का प्रतीक मानी जाने वाली सीता माता का अपमान करने वाले रावण का अंत जिले के 25 लाख लोगों ने देखा। जिले भर में अलग अलग स्थानों पर दशहरा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। कहीं रावण के प्रतीक का पुतला फूंका गया, तो कहीं रावण का वध किया गया। जिले में शांति व्यवस्था के लिए पुलिस ने दिन-रात गस्त की और सबकुछ सकुशल सम्पन्न हुआ।
जनपद मुख्यालय से लेकर असोथर, नरैनी, हथगाम, थरियांव, बकेवर, जहानाबाद, कल्याणपुर, ललौली सहित कई स्थानों पर जबरदस्त धूम देखने को मिली। कई दिनों से हो रही तैयारियों के बाद रात में कार्यक्रम का रंगारंग समापन हुआ। असोथर नगर पंचायत में श्रीराम, रावण, माँ दुर्गा सहित कई सवारियों के विमान निकले। करीब पांच किलोमीटर लंबे जुलूस पथ पर भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। स्थानीय लोगों ने विमानों में सवार देवी के प्रतीकों की आरती उतार कर उनका आशीर्वाद लिया।
असोथर में पुराना थाना मार्ग से लेकर नई बाजार, पुरानी बाजार, बस स्टेशन के साथ रावण मैदान तक जगह-जगह जुलूस का स्वागत हुआ। समापन स्थल पर रावण वध और पुतला दहन के साथ बुराई पर अच्छाई की जीत पर खुशियां मनायी गईं। सभी ने भगवान श्रीराम के जयकारों के साथ एक दूसरे को बधाई और शुभकामनायें दीं। इस दौरान प्रताप नगर, झाल, कठौता, हरनवां, खदरहा, कटरा, बेसड़ी, बेरुई, कौँडर, बौडर सहित दर्जनों गाँवों से करीब 10 हजार से अधिक लोग मौजूद रहे।
प्रमोद मौर्या ने संभाली यातायात और क़ानून व्यवस्था
असोथर में निकली दशहरा शोभा यात्रा में क़ानून व्यवस्था दुरुस्त रही। यहाँ पर थानाध्यक्ष प्रमोद मौर्या के नेतृत्व में महिला, पुरुष कांस्टेबल के साथ भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहे। शोभा यात्रा मार्ग में पुलिस ने यातायात की व्यवस्था भी संभाली। दरअसल कई स्थानों पर मार्ग संकरे थे, ऐसे में वाहनों के निकलने में समस्या हुई। हालांकि पुलिस के जवानों ने आगे बढ़कर मार्ग को व्यवस्थित किया।
असोथर किला से निकली भव्य झाँकियां
पर्व पर प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी असोथर के किला क्षेत्र से विशेष झाँकियों को निकला गया। यहाँ से भारत माता, श्रीकृष्ण राधा सहित आधा दर्जन से अधिक झाँकियां निकाली गईं। ये सभी झाँकियां असोथर रामलीला समिति के साथ अवस्थामा स्थित रावण मैदान में समाप्त हुईं। रावण मैदान इन झाँकियों को निकालने के लिए विशेष तैयारी की गई थी। सभी ने इसे खूब सराहा।