सीएए लागू होने के बाद यूपी में जुमे की पहली नमाज, लखनऊ में मुनव्वर की बेटी समेत 12 नजरबंद

लखनऊ: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू होने के बाद शुक्रवार को जुमे की पहली नमाज अदा की जा रही है। पूरे उत्‍तर प्रदेश में सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने हाई अलर्ट जारी किया है। विरोध प्रदर्शन की आशंका के चलते राजधानी लखनऊ में मशहूर शायर रहे मुनव्वर राणा की बेटी सुमैय्या को नजरबंद किया गया है।

इसके अलावा एनआरसी मामले में प्रदर्शन करने वाले लखनऊ में लगभग 12 से अधिक कार्यकर्ता और नेताओं को भी नजरबंद किया गया है। इसके अलावा मेरठ में मस्जिदों के बाहर बैनर लगे हैं, जिनमें अपील की गई है कि मस्जिद से बाहर नमाज न पढ़ें। बरेली-आगरा में भी लगातार पुलिस पैदल मार्च कर रही है।

डीजीपी प्रशांत कुमार ने कही ये बात

यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने अपने X अकाउंट पर लिखा- “पुलिस मुख्यालय ने जुमे की नमाज को सकुशल कराने के लिए सतर्कता बढ़ाई है। नमाज़ियों की सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है। मस्जिदों के पास अतिरिक्त फोर्स तैनात है। असामाजिक तत्वों और सोशल मीडिया पर खास निगरानी रखी जा रही है।”

सीएए लागू होने के बाद यूपी में जुमे की पहली नमाज

उधर, आगरा में नमाज अदा करने के बाद पुलिस के पहरे में नमाजी मस्जिदों से बाहर आने लगे हैं। मुरादाबाद की जामा मस्जिद के बाहर फोर्स तैनात है। पुलिस लगातार पैदल मार्च कर रही है। मस्जिद के अंदर नमाज अदा की जा रही है। मेरठ के इमलियान मस्जिद में शांतिपूर्वक नमाज अदा की जा रही है। कानपुर में बॉडी प्रोटेक्टर, हेलमेट और टीयर गैस गन के साथ पुलिस सड़क पर है। माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों से सख्ती से निपटने के आदेश है।

पुलिसकर्मियों की छुट्टियां निरस्‍त

इसके अलावा छुट्टी पर गए सभी पुलिसकर्मियों को वापस बुला लिया गया है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह मुस्तैद है। कहीं से भी कोई अप्रिय घटना की खबर नहीं है। सीएए को लेकर सभी स्टेक होल्डर्स जैसे धार्मिक नेता, पीस कमेटी, डिजिटल वालंटियर्स और सिविल डिफेंस के लोगों से लगातार वार्ता चल रही है।

साल 2019 में हुआ हिंसक प्रदर्शन

लखनऊ में 19 दिसंबर, 2019 को सीएए-एनआरसी को लेकर उग्र और बेहद हिंसक प्रदर्शन हुआ था। इस मामले में पुलिस ने 287 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। तोड़फोड़, आगजनी, मारपीट, लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम व सरकारी कार्य में बाधा समेत अन्य धाराओं में कुल 63 मुकदमे दर्ज किए गए थे।